Hindi, asked by lado28, 10 months ago

chote bhai ko Patra likhkar samjhaye ke Swasth Sharir Swasth mastishk Niwas Karta Hai Swasth Sharir ka udaharan dekar samjhaye​

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Answered by shishir303
84

      स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिये छोटे भाई को पत्र

                                                                                   26 जुलाई 2019

प्रिय दीपांशु

             सदा प्रसन्न रहो।

कल माँ का पत्र प्राप्त हुआ। सब लोगों की कुशलता को जानकर बड़ी खुशी हुई।  माँ ने अपने पत्र में तुम्हारे बारे में लिखा था कि तुम आजकल बहुत आलसी हो गये हो। दिन भर या तो टीवी देखते रहते हो या फिर मोबाइल पर गेम खेलते रहते हो। जंक फूड ज्यादा खाते हो। बाहर खेलने भी नही जाते। घर के काम करने से भी कतराने लगे हो। तुम्हारे बारे में ये जानकर मुझे बड़ा दुख हुआ। ये अच्छे संकेत नही हैं। इससे तुम्हारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ेगा।  

यदि तुम अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहोगे तो तुम्हार मन भी स्वस्थ्य रहेगा। स्वस्थ मन का संबंध सीधे तौर पर स्वस्थ शरीर से होता है। स्वस्थ मन का सीधा संबंध हमारी सफलता से है क्योंकि हम जब मानसिक रूप से सबल होंगे तभी जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। एक निर्बल मन और अस्वस्थ शरीर होने पर हम जीवन में कुछ उल्लेखनीय नही कर सकते। तुमने विभिन्न क्षेत्रों में हमारे ऐसे लोगों के उदाहरण देखे होंगे जो कि अपने-अपने क्षेत्रों में सफल हैं क्योंकि वो लोग परिश्रम करते हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक है दिमागी रूप से मजबूत हैं और जीवन में सफल हैं।

इसलिये मैं तुम्हारा अहित होतै नही देख सकता। मैं नही चाहता कि तुम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होकर अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करो और स्वयं को मानसिक रूप से कमजोर बना लो। तुम आज ही मेरी सलाह मानकर चुस्त-दुरस्त रहने के मिशन में जुट जाओ। व्यायाम करने पर ध्यान दो, जंक फू़ड को एकदम छोड़ दो। टीवी-मोबाइल पर कम समय लगाओ और मैदानी खेल ज्यादा खेलो ताकि फिट रहो।

मैं तुम्हे पत्र के साथ ही दो पुस्तकें भेज रहा हूँ जिनमे शारीरिक रूप से चुस्त-दुरस्त रहने के उपाय हैं। अब पत्र समाप्त करता हूँ। माँ-पिताजी को चरण स्पर्श कहना। तुम्हे स्नेह। पत्र का जवाब देकर स्थिति से अवगत कराना।

तुम्हारा  बड़ा भाई...

सुधांशु

Answered by shivanshi30
57

Answer:

स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए छोटे भाई को पत्र |

कोलकाता

16 अप्रैल 2003

प्रिय प्रतुल/7 प्रिय ‘प’

शुभाशीष ।

कल तुम्हारा पत्र मिला । तुमने लिखा है कि आजकल तुम्हारा स्वास्थ्य अच्छा नहीं है । मुझे याद है कि इसी प्रकार पहले भी कई बार तुम्हारा स्वास्थ्य बिगड़ता रहा है । इसी कारण पिछले साल तो तुम अपनी वार्षिक परीक्षा (annual examination) में भी शामिल नहीं हो सके थे और तुम्हारी एक साल की पढ़ाई बेकार हो गयी थी ।

तुम तो जानते ही हो कि स्वास्थ्य की रक्षा हमारे जीवन का पहला धर्म है क्योंकि यदि हम स्वस्थ न रहे तो जीवन में कुछ भी ठीक तरह से नहीं कर सकते । मेरी सलाह (suggestion) है कि यदि अपनी पढ़ाई से तुम्हें अधिक समय नहीं बचता है और व्यायामशाला (gim) नहीं जा सकते हो तो घर पर ही रोज सुबह कुछ साधारण योगासन किया करो और खुली हवा में रोज सुबह-शाम टहला करो, तो निश्चय ही तुम्हारा स्वास्थ्य सुधर जाएगा ।

महात्मा गाँधी भी यही किया करते थे । आशा है, अगले ही पत्र के द्वारा तुम अपने अच्छे स्वास्थ्य की सूचना दोगे । शेष कुशल है ।

तुमहारा भैया

कखग

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