Hindi, asked by kparmod1980, 11 months ago

chturmukh ka samas vigrah bataiye​

Answers

Answered by Ashish1514
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Answer:

चतुर्मुख

samas vigrah - चार मुखो वाला - ब्रह्माँ

samas - बहुव्रीहि

Explanation:

Answered by jayathakur3939
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उत्तर :- चतुर्मुख चार मुखों वाला अर्थात ब्रह्मा  |

                    ( द्विगु समास )

समास की परिभाषा :-

जब दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से एक नया संक्षिप्त शब्द बनाया जाता है तो उस प्रक्रिया को ‘समास’ कहते है । समासयुक्त पद को ‘समस्त पद’ कहते है । उसमे पहले पद को पूर्वपद और दूसरे पद को उत्तरपद कहते है समास = सम् (पास) + आस (रखना,बैठाना)

समास के 4 प्रमुख भेद है : –

• बहुव्रीहि समास

• द्वंद्व समास

• अव्ययीभाव समास

• तत्पुरुष समास

• द्विगु समास

• कर्मधारय समास

1) बहुव्रीहि समास :- समस्त पद के दोनों पद (पूर्व पद और उत्तरपद) गौण होते है , ये दोनों मिलकर किसी तीसरे प्रधान  पद को संकेत करते है ।

उदाहरण : दशानन – दश आनन  है जिसके , यानि की रावण । यहाँ “दश” और “आनन” दोनों मिलाकर तीसरे पद “रावण” की और संकेत करता है ।

2) द्वंद्व समास :- समस्तपद के दोनों पद (पूर्व पद और उत्तरपद) प्रधान होते है। विग्रह करने पर बीच में “और “, “एवं “,”तथा “,”या ” आदि जैसे शब्द लगाने पड़ते है । उदाहरण : दाल-भात – दाल और भात ।

3) अव्ययीभाव समास :- समस्त पद में पहला पद (पूर्व पद ) अव्यय (जैसे की -यथा ,आ,बे,हर ,प्रति आदि ) होता है। (अविकारी शब्द जिनका स्वरूप किसी भी लिंग,वचन काल में प्रयोग करने पर नहीं बदलता है उसे अव्यय कहते है। ) उदाहरण : - आजन्म – जन्म लेकर। यहाँ “आ” अव्यय है । जब एक ही शब्द का पुनरावर्तन होता है , उसे भी अव्ययीभाव समास कहते है । उदाहरण :- रातोंरात – रात ही रात में । यहाँ “रात ” का पुनरावर्तन हो रहा है।

4) तत्पुरुष समास :- वह समास है जिसमें बाद का अथवा उत्तर पद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक-चिह्न लुप्त हो जाता है । उदाहरण:- राजा का कुमार – राजकुमार , रचना को करने वाला – रचनाकार  

5) द्विगु समास : समस्त पद का पहला पद संख्या या परिमाण दर्शाता है , उसे द्विगु समास कहते है । उदाहरण : त्रिलोक – त्रि (तीन) लोकों का समूह। यहाँ “त्रि (तीन ) ” संख्या दर्शाता है।

6) कर्मधारय समास :-  पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य होता है । उदाहरण : - महावीर – महान(विशेषण) है जो वीर(विशेष्य). यहाँ “महान ” शब्द “वीर ” का विशेषण है । कर्मधारय समास में एक पद उपमान और एक पद उपमेय भी हो सकता है । उदाहरण : प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय।

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