Computer Science, asked by sneha9372, 11 months ago

city information in Hindi​

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Answered by hriddhu
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जो लोग गांवों में रहते हैं उन्हें शहरी जीवन अत्यधिक अरूचिकर लगता है । वहाँ का शोर-शराबा, धूल और धुँआ, भागदौड़ और अशांति उन्हें चका-चौंध कर देती है ।

वे लोग आराम से जीवन को व्याप्त करने के आदी होते हैं इसलिए वे ऐसा समझते है जैसे विदेश में आ गए हों । वहाँ के निरंतर शोर को वे सह नहीं सकते और बड़े तनाव की स्थिति में रहते है । परंतु शहर में जन्मे और वहीं पर पले व्यक्ति की स्थिति बिल्कुल भिन्न होती है ।

यह भीड़-भाड़ और लोगों की गहमा-गहमी उसको निरंतर शक्ति प्रदान करती है । इससे वह लोगो के संपर्क में आता है और उसमें मानवीय भाईचारे की भावना पैदा होती है । वह हमेशा उत्साहपूर्ण रहता है और इससे अच्छा अनुभव करता है । प्रत्येक दिन उसके सामने नई समस्याएं और उलझनें लाता हैं और उसे इनमें जल्दी से जल्दी तालमेल बिठाना होता है जिसके लिए उसे काफी परिश्रम करना पड़ता है ।

जीवन उसके लिए साहसपूर्ण, नवीनता से परिपूर्ण और हर कदम पर अप्रत्याशित होता है । शहरी जीवन की अपनी ही एक विशेष पद्धति होती है । सवेरा होते ही फेरी लगाने वालों और मोटरगाड़ियों के भोंपुओं की आवाजें आने लगती है । जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है यह शोर और हलचल बढ़ती ही जाती है

Answered by MaGicaLprInceSs
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शहरी जीवन अत्यधिक अरूचिकर लगता है । वहाँ का शोर-शराबा, धूल और धुँआ, भागदौड़ और अशांति उन्हें चका-चौंध कर देती है ।

वे लोग आराम से जीवन को व्याप्त करने के आदी होते हैं इसलिए वे ऐसा समझते है जैसे विदेश में आ गए हों । वहाँ के निरंतर शोर को वे सह नहीं सकते और बड़े तनाव की स्थिति में रहते है । परंतु शहर में जन्मे और वहीं पर पले व्यक्ति की स्थिति बिल्कुल भिन्न होती है ।

यह भीड़-भाड़ और लोगों की गहमा-गहमी उसको निरंतर शक्ति प्रदान करती है । इससे वह लोगो के संपर्क में आता है और उसमें मानवीय भाईचारे की भावना पैदा होती है । वह हमेशा उत्साहपूर्ण रहता है और इससे अच्छा अनुभव करता है । प्रत्येक दिन उसके सामने नई समस्याएं और उलझनें लाता हैं और उसे इनमें जल्दी से जल्दी तालमेल बिठाना होता है जिसके लिए उसे काफी परिश्रम करना पड़ता है ।

जीवन उसके लिए साहसपूर्ण, नवीनता से परिपूर्ण और हर कदम पर अप्रत्याशित होता है । शहरी जीवन की अपनी ही एक विशेष पद्धति होती है । सवेरा होते ही फेरी लगाने वालों और मोटरगाड़ियों के भोंपुओं की आवाजें आने लगती है । जैसे-जैसे दिन चढ़ता जाता है यह शोर और हलचल बढ़ती ही जाती है ।

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