Hindi, asked by bobbbyvampier, 9 months ago

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Answered by anitasingh0955
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2. कबीरदास जी के अनुसार समस्त संसार सुखों से और आनंद से भरा हुआ है। सारे लोग खाने, पीने और सोने को ही परम सुख मानते हैं।

कवि के अनुसार प्रभु यानी परमेश्वर के पीछे भागने वाले मनुष्य सबसे ज्यादा दुखी होते हैं। परमेश्वर को पाने की इच्छा में यह लोग अपने सुख को चैन को सबकुछ डूबा देते हैं। इसलिए वह दुखी होते हैं।

3. मीरा ने प्रभु हरि से अपनी पीड़ा हरने की विनती उनके पिछले रूपों अर्थात अवतारों की याद दिला कर की है। मीरा कहती हैं कि जब हे प्रभु जब द्रोपदी को आपकी जरूरत पड़ी तो भरी सभा में आपने उसकी लाज की रक्षा की थी। प्रहलाद की रक्षा करने के लिए भी आपने नरसिंह का रूप धारण करके हिरणकश्यप का नाश किया और प्रहलाद की रक्षा की।

मगरमच्छ के जबड़े में फंसे हुए गजराज ने जब आपको पुकारा तब आप तुरंत उसकी रक्षा के लिये दौड़े आये। हे प्रभु आप अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए कोई ना कोई रूप धारण करके आते हो। उसी प्रकार मेरी भी संकट से रक्षा करने के लिए आप किसी रूप में आओ और मुझे पीड़ा मुक्त करो। इस पद में मीरा हरि से सांसारिक बंधनों से मुक्ति के लिए प्रार्थना कर रही हैं।

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