class - 10
ch- bade bhi sahab
लेखक का मन पढाई में क्यों नहीं लगता था?
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Answer:
lekhak ka man padhai mein isliye nahi lagta tha kyunki नायक की रुचि सिर्फ खेलकूद और ऊधम मचाने में थी।
मुन्शी प्रेमचंद जी का जन्म वाराणसी के समीप लमही नामक गाव मे 31 जुलै 1880 मे हुआ था । उन्हो ने साहित्य की सेवा मे अपना आजीवन दिया।उनकी लिखित बडे भाई साहब कथा मे विचित्र भाई का वर्णन किया हें। अपने से छोटे भाई पे रोब जमाने के लिये और अपनी मीसाल बनाने के
लिये अपना बचपना तिरोहित करते हे।
लेखक का मन पढाई मे बिलकुल लागत नहीता बलकी जब भी मोका मिलता तो वह खेल कुद मे लग जाते थे । उसके बाद बडे भाईसे फटकारे मिळती थी किटनाभी मन बनातेथें की टाइम टेबल बनाकर पढाई करू पर ऊस पर अमल नही कर पाताथा । प्रकृती की मोहक वातावरण की और खिच जाथा था । भाई की फटक्कार की बावजुड वह प्रकृती का तिरस्कार नही कर पारहे थे ना ही अपने बडे भाई की तरह पढाई कर पारहे थे।