class 10 sparsh poem 2 meera ka pad mind mapping.
can somebody help me out!
Answers
कक्षा 10 हिंदी स्पर्श मीरा के पद
मीरा के पदों में मीरा बाई की भाषा सरल सहज है और यह आम जनमानस की भाषा है। चूंकि मीराबाई राजस्थान से संबंध रखती थीं और उत्तर प्रदेश के वृंदावन में काफी समय बिताया। इस कारण उनके पदों में राजस्थानी भाषा, ब्रजभाषा और गुजराती भाषा का मिश्रण है। उन्होंने कहीं-कहीं पर पंजाबी भाषा के शब्दों का भी प्रयोग किया है। उनके पदों में एक लय से बँधे हुये हैं और उन्होंने गेय शैली का प्रयोग किया है।
मीराबाई के पद भक्तिरस की धारा से ओतप्रोत है। उन्होंने अपने पदों में अलंकारों का बड़ी सुंदरता से प्रयोग किया है, जिसमें अनुप्रास अलंकार, रूपक अलंकार, उपमा अलंकार, अतिशयोक्ति अलंकार प्रमुख हैं। इन पदों के माध्यम से मीराबाई ने श्री कृष्ण के प्रति अपनी अनन्य भक्ति का वर्णन किया है और वह श्रीकृष्ण से अपनी पीड़ा हरकर उन्हें मुक्ति प्रदान मुक्ति पाने की आकांक्षा रखती हैं। वो श्रीकृष्ण के प्रेम में डूब कर रम जाना चाहती हैं और उन्हें पाने के लिए, उनकी सेवा करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। वो श्री कृष्ण के दर्शन की आकांक्षी हैं।
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
https://brainly.in/question/14606577
आपके विचार से क्या मीरा की कृष्ण-भक्ति आज के युग में प्रासंगिक है?
Answer:
See this picture below
Explanation: