Hindi, asked by ashvanisoni3732, 9 months ago

Class 10th hindi chapter 1 pad summary long pattern

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Answered by srishtisaini1251
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Answer:

हरि आप हरो जन री भीर।

द्रोपदी री लाज राखी , आप बढ़ायो चीर।

भगत कारण रूप नरहरि , धरयो आप सरीर।

बूढ़तो गजराज राख्यो , काटी कुञ्जर पीर।

दासी मीराँ लाल गिरधर , हरो म्हारी भीर।।

 

हरि - श्री कृष्ण

जन - भक्त

भीर - दुख- दर्द

लाज - इज्जत

चीर - साड़ी , कपडा

नरहरि - नरसिंह अवतार

सरीर - शरीर

गजराज - हाथियों का राजा ऐरावत

कुञ्जर - हाथी

काटी - मारना

लाल गिरधर - श्री कृष्ण

म्हारी - हमारी

प्रसंग :- प्रस्तुत पाठ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक 'स्पर्श ' से लिया गया है। इस पद की कवयित्री मीरा है। इसमें कवयित्री भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम को दर्शा रही हैं और स्वयं की रक्षा की गुहार लगा रही है ।

व्याख्या -: इस पद में कवयित्री मीरा भगवान श्री कृष्ण के भक्त - प्रेम का वर्णन करते हुए कहती हैं कि आप अपने भक्तों के सभी प्रकार के दुखों को हरने वाले हैं अर्थात दुखों का नाश करने वाले हैं।  मीरा उदाहरण देते हुए कहती हैं कि जिस तरह आपने द्रोपदी की इज्जत को बचाया और साडी के कपडे को बढ़ाते चले गए ,जिस तरह आपने अपने भक्त प्रह्लाद को बचाने के लिए नरसिंह का शरीर धारण कर लिया और जिस तरह आपने हाथियों के राजा भगवान इंद्र के वाहन ऐरावत हाथी को मगरमच्छ के चंगुल से बचाया था ,हे ! श्री कृष्ण उसी तरह अपनी इस दासी अर्थात भक्त के भी सारे दुःख हर लो अर्थात सभी दुखों का नाश कर दो।  

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