Hindi, asked by XxheartlessXx35, 11 months ago

class 10th Hindi kshitiz kavya khnd chapter 1 {surdas}

❤ explain in Hindi ❤

Answers

Answered by NikitayAdAv23
14

Answer:

उधव पर गोपियां वयंग्य करते हुए उसे कहती ह की बड़े भाग्यशाली हो।तुम बिल्कुल कमल के पत्ते की तरह हों जो जल में रहता है पर उस पर पानी की एक बूंद नहीं ठहरती।गोपियां उसे चिकने घड़े के समान बताती है।तुम कृष्ण के साथ रहकर भी उनके प्रेम म नहीं बांध पाए।तुम हमे योग संदेश सुना रहे हो ।हम तो कृष्ण प्रेम म इस तरह खींची चली आती ह जैसे गुड पर चीटियां।

तुम हम योग संदेश सुनकर हमारी विरहागाग्नी को बढ़ा रहे हो ।यह योग संदेश हम कड़वी कक्री के समान लग रहा ह।हरी ने राजनीति पढ़ कि है। हम ये बात इलेक भवरे से प्या चली।हरी को एक राजा का धरम निभाना चाहिए।

Explanation:

it may help you

please mark as brainliest answer

Answered by ÚɢʟʏÐᴜᴄᴋʟɪɴɢ1
13

Answer:

मन की मन ही माँझ रही।

कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।

अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।

अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।

चाहति हुतीं गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही।

‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।

इस छंद में गोपियाँ अपने मन की व्यथा का वर्णन ऊधव से कर रहीं हैं। वे कहती हैं कि वे अपने मन का दर्द व्यक्त करना चाहती हैं लेकिन किसी के सामने कह नहीं पातीं, बल्कि उसे मन में ही दबाने की कोशिश करती हैं। पहले तो कृष्ण के आने के इंतजार में उन्होंने अपना दर्द सहा था लेकिन अब कृष्ण के स्थान पर जब ऊधव आए हैं तो वे तो अपने मन की व्यथा में किसी योगिनी की तरह जल रहीं हैं। वे तो जहाँ और जब चाहती हैं, कृष्ण के वियोग में उनकी आँखों से प्रबल अश्रुधारा बहने लगती है। गोपियाँ कहती हैं कि जब कृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन ही नहीं किया तो फिर गोपियों क्यों धीरज धरें।

hope it's help☺☺

Similar questions