Hindi, asked by XxheartlessXx35, 9 months ago

class 10th Hindi kshitiz kavya khnd chapter 1 {surdas }

❤ explain in Hindi❤​

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Answered by ÚɢʟʏÐᴜᴄᴋʟɪɴɢ1
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Answer:

मन की मन ही माँझ रही।

कहिए जाइ कौन पै ऊधौ, नाहीं परत कही।

अवधि अधार आस आवन की, तन मन बिथा सही।

अब इन जोग सँदेसनि सुनि-सुनि, बिरहिनि बिरह दही।

चाहति हुतीं गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही।

‘सूरदास’ अब धीर धरहिं क्यौं, मरजादा न लही।

इस छंद में गोपियाँ अपने मन की व्यथा का वर्णन ऊधव से कर रहीं हैं। वे कहती हैं कि वे अपने मन का दर्द व्यक्त करना चाहती हैं लेकिन किसी के सामने कह नहीं पातीं, बल्कि उसे मन में ही दबाने की कोशिश करती हैं। पहले तो कृष्ण के आने के इंतजार में उन्होंने अपना दर्द सहा था लेकिन अब कृष्ण के स्थान पर जब ऊधव आए हैं तो वे तो अपने मन की व्यथा में किसी योगिनी की तरह जल रहीं हैं। वे तो जहाँ और जब चाहती हैं, कृष्ण के वियोग में उनकी आँखों से प्रबल अश्रुधारा बहने लगती है। गोपियाँ कहती हैं कि जब कृष्ण ने प्रेम की मर्यादा का पालन ही नहीं किया तो फिर गोपियों क्यों धीरज धरें।

hope it's help(thanks) ☺

Answered by XxlovelyaditixX
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ʜʏ ɴɪsʜᴀ ʏᴏᴜʀ ᴀɴsᴡᴇʀ ɪs ɢɪᴠɪɴɢ ᴀᴛᴛᴀᴄʜᴍᴇɴᴛ

✧・゚: ɪ ʜᴏᴘᴇ ɪᴛ ʜᴇʟᴘ ʏᴏᴜ ✧・゚:

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