class 12th chepter सहर्ष स्वीकारा है (प्रश्न= कवि को गरीबी कैसी लगती है और क्यो?)
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Explanation:
गरीबी के लिए प्रयुक्त विशेषण है-गरबीली। इसका औचित्य यह है कि कवि इस दशा में भी अंपना स्वाभिमान बनाए हुए है। वह गरीबी को बोझ न मानकर उस स्थिति में भी प्रसन्नता महसूस कर रहा है।
(सहर्ष स्वीकारा है।)
कवि को गरीबी कैसी लगती है और क्यो?
'सहर्ष स्वीकारा है' कविता के आधार पर कहे तो कवि को गरीबी गबरीली लगती है। गरीबी से तात्पर्य गर्व से होता है। कवि ने अपनी गरीबी को अपनी कमजोरी नहीं बल्कि अपने दर्द का विषय बना दिया है। उन्होंने उन्हें अपनी गरीबी पर कोई दुख या अफसोस नहीं होता। उन्होंने अपनी कमजोरी को ही अपनी ताकत बना लिया है। वह अपने अहंकार भरी गरीबी से युक्त हैं।
उन्होंने अपनी गरीबी को सहर्ष स्वीकारा है और उसे अपने गौरव का प्रतीक बना लिया है इसीलिए सभी को गरीबी गबरीली रखती है।
#SPJ3
Learn more:
सहर्ष स्वीकारा है' शीर्षक कविता में किस
भाव की प्रधानता है ?
(ख) कठोरता
(ग) विनयता (घ) दूरदर्शिता।
(क) क्रूरता
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कवि के अनुसार मनुष्य की संपूर्ण चेतना की कबीरी चादर किस प्रकार के भावो से बनी है? सहर्ष स्वीकारा है कविता के आधार पर बताओ।
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