Class 7 hindi chapter 3 himalay ki betiya ke ques ans
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NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - हिमालय की बेटियाँ Page/Excercise प्रश्न-अभ्यास
Solution 1
नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। नदियों को माँ का स्वरुप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते है।
Solution 2
सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिंग रूप में नद भी माना गया है। इन्हीं दो नदियों में सारी नदियों का संगम भी होता है। प्राकृतिक और भौगोलिक दृष्टि से भी इनकी महत्ता है। कहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय की पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है।
Solution 3
नदियाँ युगों-युगों से मानव जीवन के लिए कल्याणकारी रहीं है। ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती है। इनका जल भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाता है। इसलिए नदियाँ माता के समान पवित्र एवं कल्याणकारी है। मानव नदी को दूषित करने के में कोई कसर नहीं छोड़ता परन्तु इसके बावजूद भी अपार दुःख सहकर भी इस प्रकार का कल्याण केवल माता ही कर सकती है। अत: काका कालेलकर ने नदियों की माँ समान विशेषताओं के कारण उन्हें लोकमाता का दर्जा दिया है।
Solution 4
हिमालय की यात्रा में लेखक ने हिमालय की अनुपम छटा की, नदियों की अठखेलियों की, बरफ से ढँकी पहाड़ियों की, पेड़-पौधों से भरी घाटियों की, देवदार, चीड, सरो, चिनार, सफैदा, कैल से भरे जंगलों की प्रशंसा की है।
Solution 5
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अब अपनी पवित्रता और मूल रूप को प्रदूषण के कारण खो चुकी है।
Solution 6
हिमालय ने देवताओं का वास होने के कारण कालिदास ने हिमालय को देवात्मा कहा है।
NCERT Solution for Class 7 Hindi Chapter 3 - हिमालय की बेटियाँ Page/Excercise भाषा की बात
Solution 1
1.सचमुच दादी माँ शापभ्रष्ट देवी-सी लगी।
2.बच्चे ऐसे सुंदर जैसे सोने के सजीव खिलौने।
3.हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे। बड़े आँवले जैसे।
4.बड़े मियाँ के भाषण की तूफ़ान मेल के लिए कोई निश्चित स्टेशन नहीं है सुनने वाला थककर जहाँ रोक दे वही स्टेशन मान लिया जाता है।
5.संध्या को स्वप्न की भाँति गुजार देते थे।
Solution 2
1. नदियाँ संभ्रांत महिला की भाँति प्रतीत होती थी।
2. जितना की हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेल करती हैं।
3. हिमालय को ससुर और समुद्र को दामाद कहने में कुछ झिझक नहीं होती थी।
4. बूढ़ा हिमालय अपनी इन बेटियों के लिए कितना सिर धुनता होगा।
Solution 3
विशेषण
संभ्रांत
चंचल
समतल
घना
मूसलधार
विशेष्य
महिला
नदियाँ
आँगन
जंगल
वर्षा
Solution 4
छोटी-बड़ी
दुबली-पतली
भाव-भंगी
माँ-बाप
Solution 5
नव
वन
जातिवाचक संज्ञा
राम
मरा
भाववाचक संज्ञा
राही
हीरा
द्रव्यवाचक संज्ञा
धारा
राधा
व्यक्तिवाचक संज्ञा
नामी
मीना
व्यक्तिवाचक संज्ञा
Solution 6
सतलुज शतद्रुम
झेलम वितस्ता
रोपड़ रूपपुर
अजमेर अजयमेरु
बनारस वाराणसी
विपाशा चिनाब
Solution 7
ही के प्रयोग वाले वाक्य
वे शायद ही यह काम पूरा करें।
उन्होंने शायद ही जाना हो कि मैं अस्वस्थ हूँ।
मेरे ध्यान में शायद ही तुम्हारा ख्याल आए।
नहीं के प्रयोग वाले वाक्य
कंस के षडयंत्र को कौन नहीं जानता?
आज मोदीजी को कौन नहीं जानता?
राजमाता के स्वभाव को कौन नहीं पहचानता?
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