Class 7 Hindi Ncert Chapter 12 कंचा
कहानी में बच्चों के कौन से मनोभाव दिखाए गए हैं?
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Answer:
कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब वह जार और कंचों के अलावे कुछ नहीं सोचता है। उसे कल्पना की दुनिया में लगता है कि जैसे कंचों का ज़ार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर समा गया। वह अकेला ही कंचे चारों ओर बिखेरता हुआ मज़े से खेल रहा था।
इस कहानी में लेखक ने बच्चों के मनोविज्ञान का सटीक चित्रण किया है। इस कहानी का मुख्य पात्र अप्पू नाम का एक लड़का है। उसकी उम्र के अधिकतर बच्चों की तरह अप्पू को पढ़ाई की जगह खेलकूद में अधिक मन लगता है। वह जब दुकान पर कंचों से भरी जार को देखता है तो वह कंचों की दुनिया में खो जाता है। वह अपने सपने में कंचों से भरे जार में गोते लगाता है। जब वह स्कूल पहुँचता है तो पाठ के स्थान पर उसका मन कंचों में ही उलझा रहता है। इस बात के लिए उसे सजा भी मिलती है फिर भी वह अपने सपनों की दुनिया से बाहर नहीं निकल पाता है। उसे फीस देने के लिए जो पैसे मिले थे उन सारे पैसों से वह कंचे खरीद लेता है। दुकानदार उसकी नादानी देखकर हँस पड़ता है। फिर जब वह बिखरे हुए कंचों को सड़क पर से समेट रहा होता है तो एक कार का ड्राइवर भी उसे देखकर हँसता है। घर लौटने पर उसकी माँ उसपर नाराज तो होती है लेकिन अपना गुस्सा जाहिर नहीं करती है।