Hindi, asked by kulvinderkalwant, 21 days ago

class 8 hindi bharat ki khoj chapter 5,6,7
question answer​

Answers

Answered by lokeshbaniwal51
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Answer:

mark me as brainlistई इलाकों को जीतने के बाद अरब भारत में सिंध से आगे क्यों न बढ़ सके?

उत्तर:

अरब आक्रमणकारियों ने दूर-दूर तक अपने इलाके का प्रसार किया। लेकिन वे सिंध प्रांत के आगे न बढ़ पाए क्योंकि भारत तब आक्रमणकारियों को रोकने में समर्थ था। इसके अन्य कारण अरबों में होने वाले आंतरिक झगड़े भी हो सकते हैं।

प्रश्न 3.

महमूद गज़नवी की मृत्यु कब हुई?

उत्तर:

महमूद गज़नवी की मृत्यु 1030 में हुई थी।

प्रश्न 4.

महमूद गज़नवी के बाद भारत पर किसका आक्रमण हुआ?

उत्तर:

महमूद गज़नवी के बाद 160 वर्षों के बाद शहाबुद्दीन गौरी नामक अफगान ने पृथ्वीराज चौहान के समय आक्रमण किया लेकिन पराजित हो गया लेकिन वर्ष 1192 में फिर दोबारा दिल्ली पर आक्रमण करके यहाँ के सिंहासन पर बैठा।

प्रश्न 5.

तैमूर के आक्रमण के बाद दिल्ली की क्या दशा हुई?

उत्तर:

तैमूर के आक्रमण के बाद दिल्ली बुरी तरह से तहस-नहस हो गई। इसका ढाँचा बिलकुल बिगड़ गया। इसे अपनी वास्तविक स्थिति में आने में लंबा समय लग गया। उसकी स्थिति बिलकुल सिमटकर रह गई। तैमूर के हमले का प्रभाव दिल्ली पर पूरी तरह देखा जा सकता है।

प्रश्न 6.

दिल्ली की तबाही के समय भारत की क्या स्थिति थी?

उत्तर:

14वीं शताब्दी के अंत में तुर्क-मंगोल तैमूर ने उत्तर भारत की ओर से आकर दिल्ली की सल्तनत को ध्वस्त कर दिया। उस समय दक्षिण भारत की दशा अच्छी थी। दक्षिण के राज्यों में विजय नगर सबसे अधिक शक्तिशाली रियासत थी, विजयनगर ने उत्तर भारत के अनेक शरणार्थियों को अपने ओर आकर्षित किया। उस समय दक्षिण भारत की प्रगति चरम सीमा पर थी।

प्रश्न 7.

अफ़गान शासक और उसके साथ आए लोग भारतीय ढाँचे में कैसे समा गए?

उत्तर:

अफ़गान शासक एवं उसके साथ आए लोग विदेशी होते हुए भी वे भारतीय ढाँचे में समा गए क्योंकि जो अफ़गान उनके साथ आए उनके परिवारों का भारतीयकरण हो गया। यानी वे भारतीय संस्कृति और विचारधारा में ढल गए। वे भारत को अपना देश व भारत के बाहर के देशों को विदेशी समझने लगे।

प्रश्न 8.

राणा प्रताप कौन थे? उन्होंने जंगलों में रहना क्यों पसंद किया?

उत्तर:

राणा प्रताप मेवाड़ के राजपूत शासक थे। वे अत्यंत साहसी, वीर स्वाभिमानी देशभक्त थे। वे हमेशा से ही मुगलों के विरोधी रहे। वे मुगलों को सदैव विदेशी आक्रमणकारी समझते थे। उन्होंने अकबर से भी कभी भी औपचारिक संबंध नहीं रखा और न तो उनकी अधीनता स्वीकार की। अतः उनकी पराजय होने के बाद उन्होंने मुगलों की अधीनता स्वीकार करने के बजाय जंगलों में स्वतंत्र होकर रहना पसंद किया।

प्रश्न 9.

हिंदू-मुसलमानों के आपसी समन्वय से भारत की सामाजिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर:

अकबर के सामने प्रमुख समस्या इस्लाम के साथ अन्य धर्म के लोगों के रीति रिवाजों के मेल से राष्ट्रीय एकता कायम करने की समस्या थी, इसलिए सामाजिक स्थिति में हिंदू मुसलमानों के आपसी समन्वय से दोनों की आदतें, रहन-सहन का ढंग, रुचियाँ एक सी हो गईं। व्यापार उद्योग भी एक से हो गए। हिंदू-मुसलमानों को भारत का ही अंग समझने लगे। वे आपसी धार्मिक आयोजनों व जलसों में भी शामिल होने लगे। बोलचाल की भाषा में हिंदी एवं उर्दू आपस में मिल-जुल गए थे। हिंदू एवं मुसलमानों दोनों की आर्थिक समस्याएँ एक जैसी ही थीं।

प्रश्न 10.

औरंगजेब कौन था? उसकी नीतियाँ राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार सहायक सिद्ध हुईं?

उत्तर:

औरंगजेब मुगलवंश का शासक था और वह अकबर का प्रपौत्र था। उसकी नीतियों के कारण देश के दूर-दूर प्रांतों में आतंक फैल गया। उसकी हिंदू विरोधी नीतियों के कारण सिख और मराठे उसके विरुद्ध हो गए। इससे लोगों में असंतोष की भावना का प्रादुर्भाव हुआ और पुनर्जागरणवादी विचारों का उदय हुआ जिसके परिणामस्वरूप धर्मवाद और राष्ट्रवाद का उत्थान हुआ।

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