class 8 Hindi chapter 1 dhavni chapter ka Uddeshya or Shiksha Kya hai
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कवि मानते हैं कि अभी उनका अंत नहीं होगा। अभी-अभी उनके जीवन रूपी वन में वसंत रूपी यौवन आया है।कवि प्रकृति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि चारों ओर वृक्ष हरे-भरे हैं,पौधों पर कलियाँ खिली हैं जो अभी तक सो रही हैं।कवि कहते हैं वो सूर्य को लाकर इन अलसाई हुई कलियों को जगाएँगे और एक नया सुन्दर सवेरा लेकर आएंगे। कवि प्रकृति के द्वारा निराश-हताश लोगों के जीवन को खुशियों से भरना चाहते है। कवि बड़ी तत्परता से मानव जीवन को संवारने के लिए अपनी हर ख़ुशी एवं सुख को दान करने के लिए तैयार हैं। वे चाहते हैं हर मनुष्य का जीवन सुखमय व्यतीत हो। इसिलए वे कहते है कि उनका अंत अभी नहीं होगा जबतक वो सबके जीवन में खुशियाँ नहीं लादेते।
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kavi ka manna hai ki uska ant abhi na hoga kyoki uske jivan me abhi abhi hi to mradul vasant aya hai,arthat abhiabhi hi to asa ki kiran jagi hai
kavi ka uddesya hai ki log asavadi bane aur nirarthak yah na soche ki unka jivan bahut chta hai.Hame vippati me bhi aasa rakhni chaiye.
Shiksha yah hai ki ham apni soi hui takto ko jagana chaiye aur nirantar aasa rakhni chaiye aur khud ko anant kal tak jagrat arthat kam karne ke liye taitar rakhna chaiye.