Hindi, asked by khusbusimu2007, 19 days ago

class 8 hindi chapter 12 summary​

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Answered by faizakhan809sis
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Answer:

कवि : नरोत्तम दास

जन्म : सन् 1550 में

स्थान : उत्तर-प्रदेश के सीतापुर जिले में।

मृत्यु : सन् 1605

सुदामा चरित पाठ प्रवेश

‘सुदाम चरित्र’ कृष्ण और सुदाम पर आधारित एक बहुत सुन्दर रचना है। इसके कवि नरोत्तम दास जी हैं, नरोत्तम दास जी ने इस रचना को दोहे के रूप में प्रस्तुत किया है और ऐसा लगता है जैसे दोहा न हो कर श्री कृष्ण और सुदामा की कथा पर आधारित नाटक प्रस्तुत हो रहा है।

‘सुदामा चरित’ के पदों में नरोत्तम दास जी ने श्री कृष्ण और सुदामा के मिलन, सुदामा की दीन अवस्था व कृष्ण की उदारता का वर्णन किया है। सुदामा जी बहुत दिनों के बाद द्वारिका आए। कृष्ण से मिलने के लिए कारण था, उनकी पत्नी के द्वारा उन्हें जबरदस्ती भेजा जाना। उनकी अपनी कोई इच्छा नहीं थी। बहुत दिनों के बाद दो मित्रों का मिलना और सुदामा की दीन अवस्था और कृष्ण की उदारता का वर्णन भी किया गया है। किस तरह से उन्होंने मित्रता धर्म निभाते हुए सुदामा के लिए उदारता दिखाई, वह सब किया जो एक मित्र को करना चाहिए। साथ ही में उन्होंने श्री कृष्ण और सुदामा की आपस की नोक-झोक का बड़ी ही कुशलता से वर्णन किया है। इसमें उन्होंने यह भी दर्शाया है कि श्री कृष्ण कैसे अपने मित्रता धर्म का पालन बिना सुदामा के कहे हुए उनके मन की बात जानकर कर देते हैं। मित्र का यह सबसे प्रथम कर्तव्य रहता है कि वह अपनी मित्र के बिना कहे उसके मन की बात और उसकी अवस्था को जान ले और उसके लिए कुछ करें और उदारता दिखाऐं यही उसकी महानता है।

Explanation:

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