Class 8 hindi chapter 2 question kashmiri seb kahani ko apne word me likho
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Class 8 hindi chapter 2 'कश्मीरी सेब'
यह कहानी लेखक प्रेमचंद द्वारा लिखी गई है। वह इस कहानी के जरिए बाजार में खरीदारी करते वक्त होने वाली धोखाधड़ी पर प्रकाश डालते हैं। यह बताते हैं कि वर्तमान में शिक्षित समाज खानपान को लेकर अधिक ही जागरूक हो गए हैं। अब लोग अपने भोजन में प्रोटीन और विटामिन का ख्याल रखने लगे हैं। भोजन की मेज पर टमाटर और गाजर को स्थान मिलने लगा है। सेब स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण फल है। प्रेमचंद बाजार में जाकर दुकानदार को आध सेर सेब देने के लिए कहते हैं। दुकानदार आध सेर सेब उन्हें लिफाफे में भरकर और रुमाल में बांधकर दे देते हैं।
प्रेमचंद जी दुकानदार पर भरोसा करते हैं और सेब नहीं देखते हैं। फिर लिफाफे को घर ले आते हैं और सुबह नाश्ते के लिए एक सेब निकालते हैं तो देखते हैं कि सेब गला हुआ है फिर दूसरा निकालते हैं तो वह भी खराब निकलता है। इसी प्रकार से सभी सेब खराब निकलते है। तो उन्हें बहुत अफसोस होता है। दुकानदार की धोखेबाजी पर उनको गुस्सा आता है। परंतु वह स्वयं को ही दोषी मानते हैं क्योंकि उन्होंने दुकानदार पर सहज भरोसा कर लिया और रुमाल उसके हाथ में दे दिया कि भाई अच्छे से आध सेब दे दो। एक प्रकार से उसको बेईमानी का मौका दिया।
प्रेमचंद जी बताते हैं कि पूर्व का समय ऐसा नहीं था। व्यापारी आपको धोखा नहीं देते थे। उनकी प्रतिष्ठा बची हुई थी। एक बार गलती से वह पैसे की जगह अठन्नी दे आए थे परंतु वापस जाने पर दुकानदार ने अठन्नी लौटा दी और क्षमा भी मांगी। इस कहानी के माध्यम से लेखक अपने अनुभवों से पाठकों को सावधान करते हैं कि अगर खरीदारी करते वक्त सावधानी नहीं रखी तो धोखा मिलने की संभावना है।
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