Class 8 Hindi Kamchor Summary
Answers
Explanation:
don't post irrelevant questions dear.
Answer:
इस्मत चुगताई की कहानी “कामचोर” , लगभग ऐसे हर घर की कहानी है जिसमें दो या दो से ज्यादा बच्चे व भी कामचोर होते हैं। यह कहानी लेखिका व उसके परिवार के अन्य बच्चों की कहानी है जो दिन भर या तो बैठकर आराम फरमाते रहते हैं या फिर मौज मस्ती और शरारत करने में अपना पूरा दिन निकाल देते थे। यहां तक कि वे खुद के कार्य भी अपने आप नहीं करते थे।
ऐसे में घर के बड़ों ने सोचा कि घर के सारे नौकरों को निकाल दिया जाए और इन निकम्मे बच्चों को घर के छोटे-बड़े कामों में हाथ बटाँना सिखाया जाए । सोच को हकीकत का रूप देने से असली कहानी की शुरू होती हैं।
मां-बाप के बातों को सुनकर बच्चों ने सोचा कि कुछ काम हमें भी खुद करने चाहिए। सो बच्चों ने काम की शुरुवात अपने लिए पीने का पानी खुद लाने से की। और फिर सभी बच्चे मटके और सुराहियों से पानी लेने दौड़ पड़े।
फिर क्या था पहले पानी लेने के चक्कर में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कोई किसी से डरने वाला नहीं था और कोई किसी की सुनने वाला भी नहीं था। सो वहीं पर फिर से लड़ाई झगड़ा शुरू हो गया। नतीजा सारे मटके , सुराहियों , पतीलियों इधर-उधर बिखर गई और बच्चे बुरी तरह से पानी से भीग गए।
लेखिका की मां ने फरमान सुनाया “जो काम नहीं करेगा। उसे रात का खाना नहीं दिया जाएगा”। यह सुनते ही सभी बच्चे काम करने के लिए राजी हो गये। लेखिका की मां ने बच्चों को कई सारे काम बताए। जैसे गंदी दरी को साफ करना , आंगन में पड़े कूड़े को साफ करना , पेड़ पौधों में पानी देना आदि। साथ में लेखिका के पिता ने बच्चों को इनाम का लालच भी दिया।
बच्चों ने अपने काम की शुरुआत फर्श पर पड़ी दरी साफ करने से शुरू की। दरी की धूल साफ करने के लिए बच्चों ने उस पर लकड़ी के डंडों से मारना शुरू कर दिया जिसकी वजह से दरी की सारी धूल कमरे में फैल गई और बच्चों के नाक और आंखों में धुस गई जिसकी वजह से बच्चे खाँसते-खाँसते बेदम हो गए।