(Class 8)कवि के हृदय में किस बात का दुख है ?
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व्याख्या – कवि के अनुसार ये संसार भिखारी है इसके पास प्रेम नामक धन नहीं है। किन्तु कवि पूरी आजादी से सब जगह प्रेम लुटाते चलते हैं क्योंकि कवि सारे संसार को अपना मानते हैं इसीलिए वे बंधन मुक्त हैं। इतना प्रेम होते हुए भी एक सफल संसारिक व्यक्ति न बन पाने की दर्दया निशानी उनके ह्रदय में है और यही भार उनकी असफलता है।
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