CLASS:8
MAX.MARKS:20
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पड़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर दीजिए- (1x5=5)
मानव की दो मूल प्रवृत्तियाँ होती हैं। एक तो यह कि लोग हमारे गुणों की कद्र करें, हमें दाद दें और हमारा आदर करें और दूसरे
वे हम पर प्रेम करें, हमारा अभाव महसूस करें, उनके जीवन में हम कुछ महत्त्व रखते हैं-ऐसा अनुभव करें।
आपके जरा-से कार्य की यदि किसी ने सच्चे दिल से प्रशंसा की तो आपका दिल कैसा खिल उठता है? कोई आपकी सलाह माँगने
आता है तो आपका मन कैसे फूल जाता है?
ऊपर से कोई बड़ा आदमी कितना भी आत्मविश्वासी और आत्मतुष्ट क्यों न दिखाई दे, भीतर से वह हमारी-आपकी तरह प्रशंसा
का, प्रोत्साहन का, स्नेह का भूखा है। यदि आप उसे, प्रमाणिकतापूर्वक ले सकें तो आप फौरन उसके हृदय के निकट पहुँच
जाएँगे। दूसरों की भावनाओं को ठीक-ठाक समझना, उनकी कद्र करना, उनके साथ सच्चाई और स्नेह का व्यवहार करना यही
व्यवहारकुशलता है। इसी से सामाजिक जीवन में लोकप्रियता के दरवाजे खोलने की कुंजी हाथ लगती है। इससे हमारी अपनी
सुख-शांति बढ़ती है, सो अलग।
1. मनुष्य का मन प्रसन्नता से कब भर उठता है?
(क) जब वह दूसरों की मदद करता है
(ख) जब दूसरे लोग उसकी प्रशंसा करते हैं तथा उसकी राय मांगते हैं
(ग) जब हम दूसरे के गुणों की कद्र करते हैं
(घ) जब हम अपने जीवन में दूसरों का अभाव महसूस करते हैं।
Answers
Answered by
2
Explanation:
the group of people who rule or control a country
सरकार, शासन
Answered by
0
Answer:
dhdhcdbshshdvdbxxbsvssgsgsgsvxczxbs
Similar questions