Class 8 Sanskrit chapter 1 in hindi meaning
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कक्षा 8 संस्कृत पाठ का नाम है सुभाषितानि
इस पाठ में सुन्दर तथा मधुर वचन का वर्णन किया गया है| पाठ के नाम से पता चलता है सुभाषित का अर्थ है सुन्दर और मधुर |
गुण गुणवान पंक्तियों में गुण होते है , परंतु गुणहीन व्यक्ति की संगीत में आकर उसके गुण भी दोषी बन जाते है | जिस प्रकार नदियों का जल से युक्त पर्वत से निकलती है , किन्तु समुद्र तक पहुंचकर वह पीने योग्य नहीं रहती|
यदि व्यक्ति को यश चाहिए तो व्यक्ति को लालच नहीं करना चाहिए , मित्रता चाहिए तो चुगलखोर नहीं होना चाहिए| धर्मचारण करना हो तो धन लाभ को अधिक महत्व नहीं देना चाहिए | विद्या का फल प्राप्त करना हो तो बुरी आदतों से बचना चाहिए| जीवन में सुख चाहिए तो कंजूस न हो और सत्ता को बनाए रखना हो तो मंत्री कर्तव्य के प्रति लापरवाह नहीं होना चाहिए |
जिस प्रकार यह मधुमक्खी मीठे अथवा कड़वे रस को एक समान पीकर मिठास ही उत्पन्न करती है उसी प्रकार संत लोग सज्जन लोगों की बात एक समान सुनकर सूक्ति रूप रस का सृजन करते है|
दूसरों के द्वारा प्रशंसा पाने पर भी महापुरुषों का स्वभाव वैसा ही रहता है अर्थात बदलाव नहीं |वह अपनी विनम्र स्वभाव को नहीं छोड़ते है|
परिवार में स्त्री रहने पर सारा परिवार प्रसन्न रहता है| उसके अप्रसन्न रहने अथवा अच्छा न लगने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता|
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SIR PLEASE EXPLAIN IN OTHER FORM