Hindi, asked by vasantraut879, 10 months ago

class 9. Hindi Ch 2
दुख का अधिकार

1 . बाजार के फुटपाथ का क्या दृश्य है ?

2 . लेखक खरबूजे खरीदने के लिए क्यों न बढ़ सके ?

3 . स्त्री को रोते देखकर भी लेखक उसके रोने का कारण क्यों नहीं जान पाए ?

4 . भगवाना कौन था ?

5 . भगवाना चुप हुआ तो क्यों न बोला ?

6 . माँ के हाथों के छन्नी करना क्यों बिक गए ?

7 . कहानी में पुत्र वियोगिनियों के दुख में क्या समानता अथवा अंतर दिखाई देता है ?​

Answers

Answered by rajiv2774f
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Answer:

1. बाजार की फुटपाथ में एक बूढ़ी महिला खरबूजे बेचने आई थी जिसके घर में उसके जवान बेटे की मृत्यु हुई थी और सभी लोग उसी बुढ़िया को देख रहे थे कि इसे कोई शर्म है ही नहीं अपने बेटे के मरने के दूसरे दिन ही बाजार में खरबूजे बेचने आ गई।

2. लिखो खरबूजे बेचने के लिए इसलिए आगे ना बढ़ सका क्योंकि वह सोच रहा था की अगर मैं बुढ़िया के पास जाऊंगातो सभी मेरे बारे में क्या सोचेंगे कि मैं इतना बड़ा आदमी होकर क्या-क्या काम कर रहा हूं।

3 लेखक गुड़िया को रोते देख उसके पास ऐसी ना जा पाया क्योंकि वह मैं सोच रहा था कि यदि वह उसके पास जाएगा तो लोग उसके बारे में क्या गंदी-गंदी भावनाएं रखेंगे कि वह इतना बड़ा आदमी होकर भी ऐसे काम करता है इन गरीबों के पास जाता है और उनसे पूछता है।

4. भगवाना बुढ़िया का बेटा था।

5.भगवाना चुप हुआ तो इसलिए ना बोल पाया क्योंकि जब वह खरबूजे तोड़ रहा था तो उसका पैर एक जहरीले शाम पर पड़ा और सांप ने उसे डस लिया जिस कारण उसकी मृत्यु हो गई।

6. कहानी में पुत्र वियोग नींव के दुख में निम्नलिखित सा मान्यताएं दिखाई देती है

दोनों बूढ़ी महिलाएं अपने अपने बेटे की मृत्यु पर दुखी है।

अंतर निम्नलिखित है

सम्राट महिला को दुख मा ने उन दुख मनाने का अधिकार मिला है वह डेढ़ महीने तक बिस्तर से ना उठ पाई और दो डॉक्टर उसके सिरहाने बैठे रहते और उसे समय-समय पर दवाइयां देते रहते

दूसरी ओर खरबूजे बेचने वाली महिला को दुख बनेगा दुख मनाने का अधिकार भी ना था वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए अपने बेटे के मृत्यु के अगले ही दिन बाजार में खरबूजे बेचने आ गई और लोग उसके बारे में गंदी गंदी भावनाएं अपने मन में लाने लगे।

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