class 9 sanskrit chapter 2 translation
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द्वितीय: पाठ:
स्वर्णकाक:
प्रस्तुत यह पाठ श्री पद्मशास्त्री द्वारा रचे गए “विश्वकथाशतकम्” कथा संग्रह से लिया गया है | यहाँ अनेक देशों में फैली हुई सौ कथाओं का वर्णन है| यह कथा म्यांमार देश की श्रेष्ठ लोककथा है | इस कथा में लालच का दुष्परिणाम तथा त्याग का अच्छा परिणाम सोने के पंखों वाले कौवे के माध्यम से वर्णन किया गया है |
पहले किसी गाँव में एक निर्धन बूढी स्त्री रहती थी | और उसकी एक पुत्री सुन्दर और विनम्र स्वभाव की थी | एक बार माता ने थाली में चावल डाल कर पुत्री को आदेश दिया | “धूप में रखे चावलों को पक्षियों से बचाओ|” कुछ समय बाद एक अनोखा कौवा उड़कर के उसके समीप आया |
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Sanskrit Chapter 2 hindi translation
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