class 9hindi chapter 1 explanations
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पाठ का सार
लेखक के अनुसाट गधा एक सीधा और निटापद जानवर है। वह सुख-दुख , हानि-लाभ, किसी भी दशा में कभी नहीं बदलता। उसमें ऋषि-मुनियों के गुण होते हैं, फिट भी आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है। बैल गधे के छोटे भाई हैं जो कई टीतियों से अपना असंतोष प्रकट करते हैं। झूटी काछी के पास हीटा और मोती नाम के दो स्वस्थ
औट सुंदर बैल थे। वह अपने बैलों से बहुत प्रेम करता था। हीटा और मोती के बीच भी घनिष्ठ संबंध था। एक बाट झूटी ने दोनों को अपने ससुराल के खेतों में काम करने के लिए भेज दिया। वहाँ उनसे खूब काम कराया जाता था लेकिन खाने को रूखा-सूखा ही दिया जाता था। अत: दोनों टट्टी तोड़ने झूटी के पास भाग आए। झूटी उन्हें देखकर बहुत खुश हुआ और अब उन्हें खाने-पीने की कमी नहीं रही। दोनों बड़े खुश थे। मगट झूटी की स्त्री को उनका भागना पसंद नहीं आया। उसने उन्हें खटी-खोटी और मजूट द्वारा खाली सूखा भूसा खिलाया गया। दूसरे दिन झूटी का साला फिट उन्हें लेने आ गया। फिर उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी पर खाने को सूखा भूसा ही मिला।
कई बार काम करते समय मोती ने गाड़ी खाई में गिटार चाही तो हीटा ने उसे समझाया। मोती बड़ा गुस्सैल थी, मोटा धीरज से काम लेता था। हीटा की नाक पट जब खूब डंडे बरसाए गए तो मोती गुस्से से हल लेकर भागा, पट गले में बड़ी रस्सियाँ होने के करण पकड़ा गया। कभी-कभी उन्हें खूब मारा-पीटा भी जाता था। इस तरह दोनों की हलत बहुत खटाब थी।
वहाँ एक छोटी-सी बालिका रहती थी। उसकी माँ मट चुकी थी। उसकी सौतेली माँ उसे मारती रहती थी, इसलिए उन बैलों से उसे एक प्रकार की आत्मीयता हो गई थी। वह टोज़ दोनों को चोटी-छिपे दो टोटियाँ डाल जाती थी। इस तरह दोनों की दशा बहुत खराब थी। एक दिन उस बालिका ने उनकी रस्सियाँ खोल दी। दोनों भाग खड़े हुए। झूटी का साला और दूसरे लोग उन्हें पकड़ने दौड़े पट पकड़ न सके। भागते-भागते दोनों नई ज़गह पहुँच गए। झूटी के घट जाने का रास्ता वे भूल गए। फिट भी बहुत खुश थे। दोनों ने खेतों में मटर खाई औट आज़ादी का अनुभव करने लगे। फिट एक साँड से उनका मुकाबला हुआ। दोनों ने मिलकर उसे मार भगाया, लेकिन खेत में चलते समय मालिक आ गया। मोती को फँसा देखकर हीटा भी खुद आ फँसा। दोनों काँजीहौस में बंद कट दिए गए।वहाँ और भी जानवर बंद थे। सबकी हालत बहुत खराब थी। जब हीटा-मोती को रात को भी भोजन न मिला तो दिल में विद्रोह की ज्वाला भड़क उठी। फिर एक दिन दीवान गिरावट दोनों ने दूसटे जानवटों को भगा दिया। मोती भाग सकता था पर हीटा को बँधा देखकर वह भी न भाग सका। कांजीहौस के मालिक को पता लगने पर उसने मोती की खूब मरम्मत की और उसे मोटी रस्सी से बाँध दिया। एक सप्ताह बाद काँजीहौस के मालिक ने जानवटों को कसाई के हाथों बेच दिया। एक दढ़ियल आदमी हीटा-मोती को ले जाने लगा। वे समझ गए कि अब उनका अंत समीप है। चलते-चलते अचानक उन्हें लगा कि वे परिचित राह पर आ गए हैं। उनका घट नज़दीक आ गया था। दोनों उन्मत्त होकर उछलने लगे और दौड़ते हुए झूटी के द्वारा पट आकर खड़े हो गए। झूटी ने देखा तो खुशी से फूल उठा। अचानक दढ़ियल ने आकर बैलों की रस्सियाँ पकड़ ली। झूटी ने कहा कि वे उसके बैल हैं, पर दढ़ियल ज़ोर-ज़बरदस्ती करने लगा। तभी मोती ने सींग चलाया और दढ़ियल को दूट तक खदेड़ दिया। थोड़ी देर बाद ही दोनों खुशी से खली-भूसी-चूनी खाते दिखाई पड़े । घट की मालकिन ने भी आप दोनों को चूम लिया।
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