class 9th Hindi question Kritika darane dhamkane Updesh dene dabav dalne ki jagah Sahazata Se Kisi Ko Bhi Sahi Rah per Laya Ja sakta hai path ke Aadhar per tark sahit Uttar dijiye
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Explanation:
पाठ में एक चोर का रोचक जिक्र है। संयोग से चोर जिस कमरे में घुसा उसमें लेखिका की माँ सो रहीं थीं। लेखिका की माँ ने चोर से पानी मँगवाया। इस काम में जब चोर पकड़ा गया तो लेखिका की माँ ने उससे कहा कि पानी पिलाने के नाते वह उनका बेटा हो गया और अब उसकी मर्जी कि वह चोरी करे या खेती बाड़ी। उस बात का चोर पर इतना गहरा असर हुआ कि उसने चोरी छोड़ दी और खेती बाड़ी करने लगा। यह वाकया दर्शाता है कि डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही रास्ते पर लाया जा सकता है।
OR
लेखिका के अनुसार एक बार उनके घर में चोर घुस आया था। उस पर चोर की ही बदकिस्मती थी कि वह लेखिका की दादी माँ के कमरे में घुस गया। उनकी दादी माँ ने यह जानते हुए भी कि वह चोर है उसको न डराया न धमकाया बल्कि सहजता पूर्वक उसे सुधार दिया। उन्होंने न सिर्फ़ उसके हाथ का पानी पिया अपितु उसी लोटे से पानी पिलाकर उसे अपना बेटा बना लिया। जिसके परिणामस्वरूप उस चोर ने चोरी करना छोड़कर खेतीबाड़ी कर अपना पूरा जीवनयापन किया।
Answer:
इस पाठ से स्पष्ट है कि मनुष्य के पास सबसे प्रभावी अस्त्र है - अपना दृढ़ विश्वास और सहज व्यवहार । यदि कोई सगा -संबंधी गलत राह पर हो तो उसे डराने - धमकाने , उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से व्यवहार करना चाहिए । लेखिका की नानी ने भी यही किया । उन्होंने अपने पति की अंग्रेज़ - भक्ति का न तो मुखर विरोध किया , न समर्थन किया । वे जीवन भर अपने आदर्शों पर टिकी रही । परिणामस्वरूप अवसर आने पर वह मनवांछित कार्य कर सकी । लेखिका के माता ने चोर के साथ जो व्यवहार किया , वह तो सहजता का अनोखा उदाहरण है । उसने न तो चोर को पकड़ा ,। न पिटवाया , बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया । उसके पकड़े जाने पर उसने उसे उपदेश भी नहीं दिया । उसने इतना ही कहा - अब तुम्हारी मर्ज़ी - चाहे चोरी करो या खेती । उसकी इस सहज भावना से चोर का हृदय परिवर्तित हो गया । उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया ।
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