class 9th hindi sanchyan chapter 1 gillu ka saar
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Explanation:
गिल्लू महादेवी वर्मा जी की पालतू गिलहरी की कहानी है। वह एक दिन उनके बरामदे में उन्हें मूर्छित दशा में मिला। ... लेखिका जब बाहर जाती तो गिल्लू भी खिड़की के छेद में से बाहर चला जाता था और दिन भर गिलहरियों के झुंड का नेता बनकर डालियों पर उछलता कूदता रहता था।
☛ इस पाठ में लेखिका महादेवी वर्मा का एक छोटे ,चंचल जीव गिलहरी के प्रति प्रेम झलकता है उन्होंने इस पाठ में उसके विभिन्न क्रियाकलापों और लेखिका के प्रति उसके प्रेम से हमें अवगत कराया है| उन्होंने गिलहरी जैसी लघु जीव के जीवन का बड़ा अच्छे ढंग से चित्रण किया|
☛ एक दिन लेखिका की नजर बरामदे में गिलहरी के एक छोटे से बच्चे पर पड़ी जो शायद घोंसले से गिर गया होगा जिसे दो कौवे मिलकर अपना शिकार बनाने की तैयारी में थे| लेखिका गिलहरी के बच्चे को उठाकर अपने रूम में ले गई और कौवे की मुंह से घायल बच्चे का मरहम-पट्टी किया| कई घंटे के उपचार के बाद मुंह में एक बूंद पानी टपकाया जा सका| तीसरे दिन वह इतना अच्छा हो गया की लेखिका की उंगली अपने पंजों से पकड़ने लगे|
☛ तीन चार महीने में उसके चिकने पंख बेहतरीन puchh और चंचल चमकती आंखें सभी को आश्चर्य में डालने लगी लेखिका ने उसका नाम गिल्लू रखा| लेखिका ने फूल रखने की एक हल्की डालिया में रुई बिछाकर तार से खिड़की पर लटका दिया जो 2 साल तक गिल्लू का घर रहा|
Dear puja apko maine itna hi ans diya but ap website pr jakr search kro to apko Ans milega
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