classical poems in hindi plz hindi main likhna...!!!!!!
Attachments:
Answers
Answered by
1
Here your poem-
जिन मुश्किलों में मुस्कराना हो मना,
उन मुश्किलों में मुस्कराना धर्म है
जिस वक्त जीना गैर मुमकिन-सा लगे,
उस वक्त जीना फ़र्ज़ है इंसान का
लाजिम लहार के साथ है तब खेलना
जब हो समुन्दर पर नाश तूफ़ान का
जिस वायु का दीपक भुजाना ध्येय हो
उस वायु में दीपक जलाना धर्म है
Hope it helps!!!!!!
जिन मुश्किलों में मुस्कराना हो मना,
उन मुश्किलों में मुस्कराना धर्म है
जिस वक्त जीना गैर मुमकिन-सा लगे,
उस वक्त जीना फ़र्ज़ है इंसान का
लाजिम लहार के साथ है तब खेलना
जब हो समुन्दर पर नाश तूफ़ान का
जिस वायु का दीपक भुजाना ध्येय हो
उस वायु में दीपक जलाना धर्म है
Hope it helps!!!!!!
Answered by
0
नया साल कुछ ऐसे आया, जैसे इश्क़ की ज़बान पर, एक छाला उठ आया: अमृता प्रीतम
अमर उजाला, काव्य डेस्क, नई दिल्ली
ब्रजभाषा विशेष: प्रेम का महत्व बताती रसखान की यह काव्य-रचना
अमर उजाला काव्य डेस्क, नई दिल्ली
नदीम गुल्लानी की नज़्म ‘सिसकने सुलगने तड़पने का मौसम ‘दिसम्बर’’
गोपालदास नीरज: जितना कम सामान रहेगा...
अमर उजाला, काव्य डेस्क, नई दिल्ली
आने वाले नये साल पर दिनकर की ये कविता कुछ अलग कहती है...
अमर उजाला, काव्य डेस्क, नई दिल्ली
क्रिसमस के उत्सव पर परवेज़ शहरयार की ख़ूबसूरत
Pls mark my answer as Brainliest
Similar questions