Hindi, asked by gayatripruseth, 7 months ago

cleaniness essay in hindi​

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Answered by asajaysingh12890
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Explanation:

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है । वह अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है । वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता । सफाई के द्वारा वह साँपों, बिच्छुओं, मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीड़ों-मकोड़ों को अपने से दूर रखता है । सफाई बरतकर वह अपने चित्त की प्रसन्नता प्राप्त करता है । सफाई उसे रोगों के कीटाणुओं से बचाकर रखती है । इसके माध्यम से वह अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखता है ।

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है । वह अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है । वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता । सफाई के द्वारा वह साँपों, बिच्छुओं, मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीड़ों-मकोड़ों को अपने से दूर रखता है । सफाई बरतकर वह अपने चित्त की प्रसन्नता प्राप्त करता है । सफाई उसे रोगों के कीटाणुओं से बचाकर रखती है । इसके माध्यम से वह अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखता है ।कुछ लोग अपने स्वभाव के विपरीत सफाई को कम महत्त्व देते हैं । वे गंदे स्थानों में रहते हैं । उनके घर के निकट कूड़ा-कचरा फैला रहता है । घर के निकट की नालियों में गंदा जल तथा अन्य वस्तुएँ सड़ती रहती हैं । निवास-स्थान पर चारों तरफ से बदबू आती है । वहाँ से होकर गुजरना भी दूभर होता है । वहाँ धरती पर ही नरक का दृश्य

स्वच्छता मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है ।यह विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के सरलतम उपायों में से एक प्रमुख उपाय है । यह सुखी जीवन की आधारशिला है । इसमें मानव की गरिमा, शालीनता और आस्तिकता के दर्शन होते हैं । स्वच्छता के द्वारा मनुष्य की सात्विक वृत्ति को बढ़ावा मिलता है ।साफ-सुथरा रहना मनुष्य का प्राकृतिक गुण है । वह अपने घर और आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना चाहता है । वह अपने कार्यस्थल पर गंदगी नहीं फैलने देता । सफाई के द्वारा वह साँपों, बिच्छुओं, मक्खियों, मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीड़ों-मकोड़ों को अपने से दूर रखता है । सफाई बरतकर वह अपने चित्त की प्रसन्नता प्राप्त करता है । सफाई उसे रोगों के कीटाणुओं से बचाकर रखती है । इसके माध्यम से वह अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखता है ।कुछ लोग अपने स्वभाव के विपरीत सफाई को कम महत्त्व देते हैं । वे गंदे स्थानों में रहते हैं । उनके घर के निकट कूड़ा-कचरा फैला रहता है । घर के निकट की नालियों में गंदा जल तथा अन्य वस्तुएँ सड़ती रहती हैं । निवास-स्थान पर चारों तरफ से बदबू आती है । वहाँ से होकर गुजरना भी दूभर होता है । वहाँ धरती पर ही नरक का दृश्यदिखाई देने लगता है ।

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