Math, asked by atharva9238, 2 months ago

climate change speech essay hindi​

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Answered by vermaprakash509
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Step-by-step explanation:

जलवायु परिवर्तन वास्तव में पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में बदलाव को कहा जाता है। यह विभिन्न बाह्य एवं आंतरिक कारणों से होता है जिनमें सौर विकिरण, पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन, ज्वालामुखी विस्फोट, प्लेट टेक्टोनिक्स आदि सहित अन्य आंतरिक एवं बाह्य कारण सम्मिलित हैं। वास्तव में, जलवायु परिवर्तन, पिछले कुछ दशकों में विशेष रूप से चिंता का कारण बन गया है। पृथ्वी पर जलवायु के स्वरूप में परिवर्तन वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। जलवायु परिवर्तन के कई कारण होते हैं और यह परिवर्तन विभिन्न तरीकों से पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता है।

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में होने वाला बदलाव है। इसके लिए कई कारक सदियों से इस परिवर्तन को लाने में अपना योगदान देते रहे हैं। हालांकि अभी हाल ही के वर्षों मे वातावरण में हुआ प्रदूषण मुख्यतः मानव गतिविधियों का परिणाम है और इन गतिविधियों ने वातावरण पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाले हैं और इसे बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है।

Answered by riyabksc737
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Answer:

सूर्य से उत्सर्जित जो ऊर्जा पृथ्वी तक पहुंचती है और फिर हवाओं और महासागरों द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में आगे बढ़ती है, वह जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है। नए युग की तकनीकों का प्रयोग पृथ्वि पर कार्बन उत्सर्जन के दर को बढ़ा रहा है और इस प्रकार वतावरण को विपरीत रूप से प्रभावित कर रहा है।

Step-by-step explanation:

जलवायु परिवर्तन वास्तव में पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में बदलाव को कहा जाता है। यह विभिन्न बाह्य एवं आंतरिक कारणों से होता है जिनमें सौर विकिरण, पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन, ज्वालामुखी विस्फोट, प्लेट टेक्टोनिक्स आदि सहित अन्य आंतरिक एवं बाह्य कारण सम्मिलित हैं। वास्तव में, जलवायु परिवर्तन, पिछले कुछ दशकों में विशेष रूप से चिंता का कारण बन गया है। पृथ्वी पर जलवायु के स्वरूप में परिवर्तन वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। जलवायु परिवर्तन के कई कारण होते हैं और यह परिवर्तन विभिन्न तरीकों से पृथ्वी पर जीवन को प्रभावित करता है।जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर जलवायु की परिस्थितियों में होने वाला बदलाव है। इसके लिए कई कारक सदियों से इस परिवर्तन को लाने में अपना योगदान देते रहे हैं। हालांकि अभी हाल ही के वर्षों मे वातावरण में हुआ प्रदूषण मुख्यतः मानव गतिविधियों का परिणाम है और इन गतिविधियों ने वातावरण पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डाले हैं और इसे बुरी तरह प्रदूषित कर दिया है।

यहां हमने जलवायु परिवर्तन के कारणों और प्रभावों को नजदीक से समझने का प्रयास किया है:

जलवायु परिवर्तन के विभिन्न कारण

जलवायु में परिवर्तन लाने वाले कारक निम्नलिखित हैं:

सौर विकिरण

सूर्य से उत्सर्जित जो ऊर्जा पृथ्वी तक पहुंचती है और फिर हवाओं और महासागरों द्वारा विश्व के विभिन्न भागों में आगे बढ़ती है, वह जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है।

मानवीय गतिविधियां

नए युग की तकनीकों का प्रयोग पृथ्वि पर कार्बन उत्सर्जन के दर को बढ़ा रहा है और इस प्रकार वतावरण को विपरीत रूप से प्रभावित कर रहा है।

इसके अलावा, कक्षीय रूपांतरों, प्लेट टेक्टोनिक्स और ज्वालामुखी विस्फोटों से भी जलवायु में बदलाव हो सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

वनों एवं और वन्यजीव पर पड़ने वाले दुष्प्रप्रभाव

जलवायु परिस्थितियों में होने वाले व्यापक परिवर्तनों के कारण कई पौधों और जानवरों की पूरी जनसंख्या विलुप्त हो गई है एवं कई अन्यों की जनसंख्या विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुकी है। कुछ क्षेत्रों में कुछ विशेष प्रकार के वृक्ष सामूहिक रूप से विलुप्त हो गए हैं और इस कारण वनाच्छादिन क्षेत्र कम होते जा रहे हैं।

जल पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव

जलवायु परिस्थितियों में परिवर्तनों की वजह से जल-प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं एवं वर्षा अनियमित रूप से हो रही है और साथ ही वर्षा का स्वरूप भी बिगड़ता जा रहा है। ये सारी परिस्थितियां पर्यावरण में असंतुलन को बढ़ा रहे हैं।

निष्कर्ष

जलवायु परिवर्तन की समस्या को गंभीरता से लेना आवश्यक है और वातावरण को प्रभावित कर रहे मानवीय गतिविधियां जो वतावरण को खराब करने में योगदान दे रहे हैं, उनको नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।

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