complete this poem.write in hindi plz
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घन घटा गगन में छाई,
वर्षा रानी है फिर आई.
बादल गड़-गड़, गड़के,
बिजली कड़ -कड़, कड़के,
रिमझिम-रिमझिम पानी बरसा,
जड़ -चेतन का है मन हरषा.
शीतल पुरवा है लहरायी,
वर्षा रानी है फिर आई.
खर -खर, खर-खर पीपल बोले,
नीम, केर भी खाये हिचकोले,
झींगुर के भी छिड़े तराने,
मेंढक लगे हैं फिर से गाने.
वर्षा रानी है फिर आई.
बादल गड़-गड़, गड़के,
बिजली कड़ -कड़, कड़के,
रिमझिम-रिमझिम पानी बरसा,
जड़ -चेतन का है मन हरषा.
शीतल पुरवा है लहरायी,
वर्षा रानी है फिर आई.
खर -खर, खर-खर पीपल बोले,
नीम, केर भी खाये हिचकोले,
झींगुर के भी छिड़े तराने,
मेंढक लगे हैं फिर से गाने.
nitesh3478:
yes it is very helpful
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