Comprehension Passage
हम अनेक छोटे-बड़े घेरों में बँटे हुए हैं। कोई धर्म का घेरा है तो कोई जाती का, कोई देश
का घेरा है तो कोई समाज और वंश-परिवार का । इन घेरों में बँधकर हम भूल गए है कि
सबसे पहले हम मनुष्य हैं- प्रेम, त्याग, करुणा और सहानुभूति से भरे मनुष्य; एक दूसरे के
दुख सुख से विचलित और प्रभावित होने वाले मनुष्य हैं। अपनी इस बहुमूल्य मनुष्यता को
भुलाकर कहीं हम धन, शक्ति, सत्ता और शिक्षा के अहंकार में चूर होकर दूसरों को मनुष्य
ही नहीं समझते, कभी हम अपने ही धर्म को सबसे श्रेष्ठ मानकर शेष सभी धर्मों को झूठ
भ्रमों से भरा हुआ समझते हैं । अपने ही रीति-रिवाजों को सर्वोत्तम मानकर हम दूसरों के
रीति-रिवाजों कि खिल्ली उड़ाया करते हैं। सत्य यह है कि संसार का हर धर्म अच्छाइयों
और सच्चाइयों में विश्वास करता है
लेखक ने किस घेरे का उल्लेख नहीं किया है-
-
Answers
Answered by
1
Answer:
where is question it is just paragraph
Similar questions
Social Sciences,
3 months ago
Social Sciences,
3 months ago
Math,
3 months ago
English,
6 months ago
Math,
11 months ago
Physics,
11 months ago