computer aaj ki avashyakta essay in hindi
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आजकल जनसंख्या इतना ज्यादा हो गया है , कि सरकार को प्रजा की सेवा करना बहुत मिश्किल होगया है. आदमी इतना काम नहीं कर सकता जितना कंप्यूटर करता है. सर्कार के दफ्तरों में बहुत काम पड़ा हुआ है. ओर कोपुतर कोई गलती नहीं करता किसी गिनती में.
अगर बैंक के काम आदमी अपने हाथों से करता तो बहुत गलतियां हो सकते हैं. अगर हजारों लोग रेल यात्रा का आरक्षण करना चाहते हैं, ओर क्यू में खड़े होजाते हैं, तो सिर्फ एक आदमी एक काउंटर पर कागज रजिस्टर कलम लेकर ज्यादा कुछ नहीं कर सकता.
अगर हम दूर दूर के रिश्ते दारों से बातें करना चाहते हैं. तो सेल फोन इस्तेमाल करते हैं. सेल फोन के एक्सचेंज में कम्पूटर का इस्तेमाल होता है. भारत के न्याय व्यवस्था में बहुत देर होता है केस बंद होकर जद्गेमेंट ओर फैसलों की सुनवाई होने में. कम्पुटर से जल्द हो सकते हैं ओर न्याय्वादियों को भी बहुत सुविधा होगी.
अगर बड़े व्यापारी अपने व्यवसाय के बारे में सारी जानकारी रखना है, तो वे कंप्यूटर के इस्तेमाल करते हैं. अगर हम कहानी लिखना चाहें, या एक रिपोर्ट , कंप्यूटर पर पहले लिखेंगे. फिर उसे थोडा सा बदलेंगे. बाद में ओर कुछ लिखेंगे. फिर बदलेंगे. ये सब अगर कागज पर करते, तो बहुत मुश्किल होता है. कम्पूटर पर आसान.
अगर कम्पूटर नहीं सीखते या इस्तेमाल नहीं करते, तो जमाने की पीछे ओर दुनिया के नीचे हो जायेंगे.
विज्ञान ने मनुष्य को अनेक प्रकार की सुविधाएं प्रदान की हैं। इन सुविधाओं में कम्प्यूटर का विशिष्ट स्थान है। कम्प्यूटर के प्रयोग से प्रत्येक कार्य को अविलम्ब किया जा सकता है। यही कारण है कि दिन प्रतिदिन उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। प्रत्येक उन्नत और प्रगतिशील देश स्वयं को कम्प्यूटरमय बनाने का प्रयास कर रहा है। भारत में भी कम्प्यूटर के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। भारत सरकार देश को कम्प्यूटरमय बनाने के लिए अमेरिका तथा जापान से सम्पर्क स्थापित कर रही है।
‘कम्प्यूटर’ आज की आवश्यकता
क्म्प्यूटर क्या है? यह जिज्ञासा उत्पन्न होना स्वाभाविक वस्तुतः कम्प्यूटर ऐसे यांत्रिक मस्तिष्कों को रूपात्मक तथा समन्वयात्क योग तथा गुणात्मक घनत्व है, जो तीव्रतम गति से न्यूनतम समय में अधिक से अधिक काम कर सकता है। गणना के क्षेत्र में इसका विशेष महत्व है। विज्ञान में गणितीय गणनाओं के लिए अनेक गणनायंत्रों का आविष्कार किया है पर कम्प्यूटर की तुलना किसी से भी संभव नहीं।
चार्ल्स बेवेज पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के आरम्भ में सबसे पहला कम्प्यूटर बनाया है। इस कम्प्यूटर की यह विशेषता थी कि वह लम्बी लम्बी गणनाओं को करने तथा उन्हें मुद्रित करने की क्षमता रखता था। कम्प्यूटर स्वयं ही गणना कर जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान शीघ्र कर देता है। कम्प्यूटर द्वारा की जाने वाली गणनाओं के लिए एक विशेष भाषा में निर्देश तैयार किये जाते हैं। इन निर्देशों और प्रयोगों को कम्प्यूटर का प्रोग्राम की संज्ञा दी जाती है। कम्प्यूटर का परिणाम शुद्ध होता है। अशुद्ध उत्तर का उत्तरदायित्व कम्प्यूटर पर नहीं बल्कि उसके प्रयोक्ता पर है। कम्प्यूटर के सफल प्रयोग ने अनेक क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है।
भारतीय बैंकों के खातों का संचालन तथा हिसाब किताब रखने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग आरम्भ हो गया है। फिर भी कम्प्यूटर ने उन्नत देशों के बैंकों में जो स्थान बनाया है, वह अभी भारत में नहीं बना। समाचार पत्रों तथा पुस्तकों के प्रकाशन में भी कम्प्यूटर अभी विशेष भूमिका का निर्वाह कर रहा है। कम्प्यूटर से संचालित फोटो कम्पोजिंग मशीन के माध्यम छपने वाली सामग्री को टंकित किया जा सकता है। टंकित होने वाले मैटर को कम्प्यूटर के पर्दे पर देखा जा सकता है। कम्प्यूटर संचार का भी एक महत्वपूर्ण साधन है। ‘कम्प्यूटर नेटवर्क’ के माध्यम से देश के प्रमुख नगरों को एक दूसरे के साथ जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है। आधुनिक कम्प्यूटर डिजाइन तैयार करने में सहायक हो रहा है। भवनों, मोटर-गाडि़यों, हवाई जहाजों आदि के डिजाइन तैयार करने में कम्प्यूटर ग्राफिक का व्यापक प्रयोग हो रहा है। कम्प्यूटर में एक कलाकार की भूमिका का निर्वाह करने की भी क्षमता है। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने अपना अद्भुत कमाल दिखाया है। इसके माध्यम से अंतरिक्ष के व्यापक चित्र उतारे जा रहे हैं। इन चित्रों का विश्लेषण भी कम्प्यूटर के माध्यम से ही किया जा रहा है।
औद्योगिक क्षेत्र में, युद्ध के क्षेत्र में तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा सकता है। इसका प्रयोग परीक्षा फल के निर्माण में, अंतरिक्ष यात्रा में, मौसम सम्बन्धी जानकारी में, चिकित्सा में तथा आम चुनाव में भी किया जा रहा हैै।
अब प्रश्न उठता है कि कम्प्यूटर और मानव मस्तिष्क की तुलना संभव है? यदि सम्भव है तो इनमें कौन श्रेष्ठ है? आखिर कम्प्यूटर के मस्तिष्क का निर्माण भी तो मनुष्य द्वारा ही हुआ है। तुलना में मनुष्य की श्रेष्ठ है, क्योंकि कम्प्यूटर उपयोगी होते हुए भी मशीन के समान है। यह मानव के समान संवेदनशील नहीं बन सकता। कम्प्यूटर भी मनुष्य के हाथ की मशीन है। मनुष्य के बिना उसका कोई महत्व नहीं।
भारत में कम्प्यूटर का प्रयोग अभी आरंभिक अवस्था में है, पर धीरे धीरे इसका प्रयोग और महत्व बढ़ता जा रहा है। मनुष्य को कम्प्यूटर को एक सीमा तक ही प्रयोग में लाना चाहिए। मनुष्य स्वयं निष्क्रिय न बने, बल्कि वह स्वयं को सक्रिय बनाये रखे तथा अपनी क्षमता को सुरक्षित रखे