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कंप्यूटर पर निबंध
कंप्यूटर एक अद्भुत मशीन है । इसके आविष्कार से दुनिया मे क्रांति आ गई । जटिल से जटिल गणना का कार्य सरल हो गया । फाइलों का हिसाब-किताब कंप्यूटर पर होने लगा । बैंकों और कार्यालयों का काम-काज सहज हो गया । वे काम मिनटों में होने लगे जिनमें घंटों और दिनों लग जाते थे । कंप्यूटर रूपी घोड़े पर सवार होकर मानव आसमान से बातें करने लगा ।
कंप्यूटर है ही गजब की चीज । इसे मानव मस्तिष्क का विकल्प कहा जा सकता है । यह कितने ही तरह के काम कर सकता है । यह वायुयानों के आवागमन को नियंत्रित करता है । हवाई यात्रा और रेल यात्रा के टिकटों की बुकिंग में इसका इस्तेमाल होता है । कार्यालयों में यह नौकरशाही की उलझनें सुलझाता है । इसने लिपिकों का काम-काज सरल कर दिया है । बड़ी-बड़ी कंपनियों का यह कर्णधार है क्योंकि लाखों करोड़ों के हिसाब-किताब यह पलक झपकते कर देता है । शेयर बाजार तो इसके बिना अपंग-सा है । प्रकाशन जगत में कंप्यूटर के अगणित उपयोग हैं । अखबारों, पुस्तकों और पत्रिकाओं की छपाई में इसकी सहायता उल्लेखनीय है । उपग्रह इसी के माध्यम से संचालित होते हैं । अंतरिक्ष की सैर में यह बहुत मदद करता है ।
बीसवीं शताब्दी में सूचना के क्षेत्र में क्रांति आ गई । उस क्रांति में कंप्यूटरों का बहुत बड़ा हाथ था । पहले आशंका थी कि कंप्यूटरों के बढ़ते प्रयोग से आदमी का काम छिन जाएगा । यह आशंका बाद में निर्मूल सिद्ध हो गई । कंप्यूटरों के प्रचलन से करोड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ । भारत में पढ़े-लिखे नौजवानों के लिए रोजगार के नए-नए रास्ते खुले । स्कूलों और कॉलेजों में कंप्यूटर शिक्षा आरंभ हुई । भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का युग आरंभ हुआ । सूचना प्रौद्योगिकी में भारत दुनिया में प्रथम स्थान पर आ गया । सॉफ्टवेयर के निर्माण में भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों की माँग दुनिया भर में होने लगी ।
कंप्यूटर से इंटरनेट का जाल बिछा । इंटरनेट और कुछ नहीं बल्कि दुनिया भर के कंप्यूटरों का जाल (वेब) भर है । इंटरनेट पर वेबसाइटें आरंभ हुई । कंप्यूटर कड़े उगलने वाली मशीन बन गई । पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में जितने प्रकार की जानकारी थी, वह हरेक की मुट्ठी में आ गई । हिन्दी सहित सभी भारतीय भाषाओं के विकास में मदद मिली । ई-मेल से व्यापार आरंभ हुआ । घर बैठे दुनिया भर के लोगों के बीच संपर्क आसान हो गया । अखबार कंप्यूटर की स्कीन पर पड़े जाने लगे । राजनेता मतदाताओं तक इंटरनेट के जरिए संपर्क करने लगे । ई-मार्केटिंग, ई-बिजनेस, ई-टिकट बुकिंग यानी सब कुछ सरल और सुविधायुक्त हो गया ।
कंप्यूटर बड़े-बड़े कार्यालयों और संस्थाओं तक ही नहीं पहुँचा, गली-गली, गाँव-गाँव और घर-घर में विराजमान होने लगा । गाँव के जमीनों और लगान का हिसाब-किताब कंप्यूटर पर दर्ज होने का सिलसिला आरंभ हुआ । मतदाताओं की सूची कंप्यूटर पर तैयार होने लगी । विद्यालयों के आँकड़े कंप्यूटर में कैद हो गए । बिजली
बिल, राशन कार्ड, टेलिफोन बिल, पानी के बिल सब कंप्यूटरीकृत हो गए । इसका परिणाम यह हुआ कि आँकड्ाएं से छेड़-छाड़ और भ्रष्टाचार पर लगाम लगी ।
भारत में कंप्यूटर के उपयोग की अभी बहुत संभावनाएँ हैं । अभी कंप्यूटर शिक्षा की व्यवस्था शहरों के विद्यालयों तक ही सीमित है । इसका प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में भी किया जाना चाहिए । कंप्यूटर के नए संस्करण लैपटॉप का प्रयोग इतना सरल है कि इसे कहीं भी रखा जा सकता है । कंप्यूटर को घर-घर पहुँचाने की जरूरत है ताकि भारत इक्कीसवीं सदी में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में अग्रणी स्थान प्राप्त कर सके ।