Computer Ka mahatva par anuched
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गणना की प्रक्रिया कुछ ऐसी है कि सीधी-सरल गणना में भी कभी-कभी भूल हो जाती है। संख्याएँ जैसे-जैसे वृहदाकार र जटुल होती जाती हैं वैसे ही वैसे गणना करना भी कठिन और फिर कठिन से कठिनतर होता जाता है। उसी समस्या से पार पाने के लिए वैज्ञानिकों ने पहले-पहल कंप्यूटरों का विकास किया।
कंप्यूटर के प्रयोग से गणना में भूल-चूक की संभावना नहीं रही। कंप्यूटर शीघ्र और सहीःसही गणना कर सकने में सक्षम होते हैं। कंप्यूटर की सफलता से उत्साहित होकर वैज्ञानिकों ने खोज और विकास का काम निरंतर जारी रखा। हॉर्डवेयर और सॉफ्टवेयर के विकास से कंप्यूटरों में सुधार होता गया। बाद के कंप्यूटर अधिक तेजी से गणना करने में सक्षम हुए।
कंप्यूटरों के लगातार विकसित होते-होते नौबत यहाँ तक आ पहुँची है कि जीवन के प्रायः हर क्षेत्र में सका प्रवेश हो चुका है। उन्होंने माने दुनिया ही बदल दी है। सूचना और संचार के क्षेत्र कंप्यूटरों के प्रवेश से क्रांति आ गई है जिसे कंप्यूटर-क्रांति कहा जा रहा है और आज के युग को कंप्यूटर-युग। सूचना के क्षेत्र इंटरनेट नाम का सुपर हाइवे चलन में आ गया है। यह कंप्यूटर के आधर पर ही विकसित हुआ है।
अपने पारंपरिक गणना संबंधी कार्यों के अलावा आज के कंप्यूटर अनेक कार्य करते हैं। पत्र-पत्रिकाओंतथा पुस्तकों के प्रकाशन फिल्मों की एडीटिंग इनीमेशन आदि सब क्षेत्रों में कंप्यूटर अब आवश्यक अंग बन चुका है। विकलांगों को भी कंप्यूटर की सहायता उपलब्ध है। उसकी सहायता से अब वे सामान्य लोगों की तरह काम कर सकते हैं।
बैंकों सरकारी और गैल सरकारी कार्योलयों आदि सभी स्थानों पर कंप्यूटर का साम्राज्य स्थापित हो चुका है। बही-खाता तैयार करने रेखाचित्र बनाने आदि के कार्य केंप्यूटर की सहायता से जल्दी और उत्तम होने लगे हैं।