Hindi, asked by riddhimasingh36, 8 months ago

computer Kranti par nibandh
please no copy paste​

Answers

Answered by monikapuneetgoyal
0

Answer:

हमारे देश में सर्वप्रथम 1961 में कंप्यूटर का प्रयोग शुरू हुआ किंतु राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल (1984-1989) के दौरान विविध क्षेत्रों में कंप्यूटर का जिस बड़े पैमाने पर प्रचलन बढ़ा उसे मद्देनजर रख पर्यवेक्षकों ने उनके कार्यकाल को कंप्यूटर क्रांति की संज्ञा दी।

लेखन तथा गणना के क्षेत्र में विगत पांच दशकों में आश्चर्यजनक प्रगति हुई है। कम्प्यूटर भी इन्ही आश्चर्यजनक आविष्कारों में से एक है। कम्प्यूटर शब्द को हिन्दी भाषा में शामिल कर लिया गया है। वैसे इसका हिन्दी पर्याय कामिल बुल्के ने अपने अंग्रेजी-हिन्दी शब्दकोश में दिया है। आज दफ्तरों, स्टेशनों, बड़ी-बड़ी कम्पनियों, टेलीफोन एक्सचेंजों आदि अन्य अनेक ऐसे कल-कारखानों में जहां गणना करने अथवा काफी मात्रा में छपाई का काम करने की जरूरत होती है वहां भी कम्प्यूटर लगाए गए हैं ताकि कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जा सके। कम्प्यूटर अब वह काम भी करने लगे हैं जो मानव के लिए काफी श्रम साध्य तथा समय लेने वाले हैं।

कम्प्यूटर की पहली परिकल्पना सन् 1642 में साकार हुई जब जर्मन वैज्ञानिक ब्लेज़ पॉस्कल ने संसार का पहला सरल कम्प्यूटर तैयार किया था। इस कम्प्यूटर में ऐसी कोई खास जटिलता नहीं थी फिर भी अपने समय में यह आम लोगों के लिए एक कौतूहल का विषय अवश्य था। समय बीता और अन्य लोग भी इस पिटारेनुमा कम्प्यूटर से प्रभावित और उत्साहित हुए। सन् 1680 में जर्मनी में ही विलियम लैबनिट्ज ने एक ऐसे गणना-यंत्र का आविष्कार किया जिसके माध्यम से जोड़, घटा, गुणा, भाग और वर्गमूल तक निकाले जा सकते थे। खोज का काम नहीं रुका; यह कभी चला, कभी आगे बढ़ा और सन् 1801 में उक्त मशीन से प्रेरित होकर जोजेफ एम. जाकवार्ड ने एक ऐसा करघा यंत्र बनाया जिससे कम्प्यूटर के विकास को काफी सहायता मिली। वर्तमान कम्प्यूटर डॉ. हरमन के प्रयासों का अति आधुनिक विकसित रूप है।

कम्प्यूटर का निरन्तर विकास हो रहा है। ई.सी.जी. रोबोट, मानसिक कम्पन, रक्तचाप तथा न जाने कितने जीवन-रक्षक कार्यों के लिए कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, रूस, हालैण्ड, स्वीडन, ग्रेट ब्रिटेन जैसे समृद्ध देशों में इसका स्थान मनुष्य के दूसरे दिमाग के रूप में माना जाता है। भारत में भी कम्प्यूटर विज्ञान की निरंतर प्रगति होती जा रही है। शायद वह दिन दूर नहीं जब भारत भी इस क्षेत्र में समुन्नत देशों की बराबरी करने लगेगा।

आज कम्प्यूटर के विविध तथा बहुक्षेत्रीय उपयोग हो रहे हैं। भारत में कम्प्यूटर कितने लाभप्रद तथा कितने अलाभकारी हैं-इस पर भी विचार करना जरूरी है। यह बात तो हमें स्वीकार कर ही लेनी चाहिए कि कम्प्यूटर भी मानव निर्मित उपकरण है जिसमें आंकड़े, सूचनाएं, अंक, हिसाब-किताब आदि मानव के द्वारा ही भरे जाते हैं। अतः यदि मानव से कोई त्रुटि हो जाए तो वह कम्प्यूटर में बार-बार तब तक होती रहेगी जब तक वह सुधारी न जाए। अतः यह कहना कि कम्प्यूटर गलती नहीं करता, एक गम्भीर तथ्य को अस्वीकार करना है। भारत जैसा विकासशील देश भी विविध क्षेत्रों में कम्प्यूटर का उपयोग करने लगा है। इससे उन सभी क्षेत्रों में उत्पादकता व कार्यकुशलता बढ़ी है। इन क्षेत्रों में विज्ञान, शिक्षा, व्यवसाय, सूचना, प्रौद्योगिकी आदि प्रमुख हैं।

हमारा देश विकासशील देश है जहां प्रतिवर्ष हजारों नहीं लाखों की संख्या में बेकार युवक बढ़ते जा रहे हैं। कम्प्यूटरों का बहुक्षेत्रीय उपयोग मानव मस्तिष्क को पंगु बना देता है और उसे अपने कार्य में सहज निरंतर प्रगति करते रहने की भावना में बाधा डालता है। ऐसा देखने में आया है कि निरंतर हिसाब-किताब तथा ड्राफ्टिंग करने वाले लोग मिनटों में बड़े-बड़े हिसाब-किताब हल कर डालते हैं। ऐसा वे अपने निरंतर अभ्यास के बल पर करते हैं। गणित से सम्बद्ध कार्यों, ड्राफ्टिंग तथा अन्य क्षेत्रों में अनुभवी लोगों के करिश्मे आए दिन अखबारों में पढ़ने को मिलते हैं। कम्प्यूटरीकरण इन सब प्रगति के लिए बाधक और भयावह है।

विज्ञान के उपहारों को नकारना आज के युग में संभव नहीं है। इसलिए कम्प्यूटरीकरण भी आज समय की मांग बन चुका है। भारत में लगभग सभी निजी व्यावसायिक संस्थानों, बैंकों, कई सरकारी संस्थानों व सेवाओं को कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है। भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।

Similar questions