Hindi, asked by shivamjointeca, 11 months ago

computer per anuchchhed​

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Answered by simran7539
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कंप्यूटर पर अनुच्छेद

आधुनिक युग में विज्ञान की मदद से मनुष्य ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए हैं । कंप्यूटर इनमें से एक प्रमुख आविष्कार है । यह आदमी के दिमाग की तरह कार्य करता है । इसमें देश-दुनिया की सभी आवश्यक जानकारियाँ भरी होती हैं । इन जानकारियों को कंप्यूटर याद रखता है तथा माँगे जाने पर तुरंत प्रदर्शित भी कर देता है । बड़ी से बड़ी गणनाएँ यह पलक झपकते कर सकता है जिसे करने में आदमी को घंटों लग जाएँ । कंप्यूटर के आविष्कार के परिणामस्वरूप दुनिया में क्रांति आ गई है । सभी कार्यालयों, बैंकों, सार्वजनिक संस्थानों आदि में इसका उपयोग किया जा रहा है । रेल और हवाई यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग में यह प्रमुख भूमिका निभाता है । कंप्यूटर सूचना क्रांति का अग्रदूत बन गया है । विद्‌यालयों में कंप्यूटर शिक्षा अनिवार्य-सी होती जा रही है । व्यापार और उद्‌योग में इसके उपयोग के बिना अब काम नहीं चल सकता । कंप्यूटर आज की एक आवश्यक वस्तु बन गई है ।

Answered by TheDreamCatcher
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Answer:

computer per anuchchhed

Explanation:

विज्ञान ने मनुष्य को अनेक प्रकार की सुविधाएं प्रदान की हैं । इन सुविधाओं में कम्प्यूटर का विशिष्ट स्थान है । कम्प्यूटर के प्रयोग से प्रत्येक कार्य को अविलम्ब किया जा सकता है । यही कारण है कि दिन प्रतिदिन उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है ।

प्रत्येक उन्नत और प्रगतिशील देश स्वयं को कम्प्यूटरमय बनाने का प्रयास कर रहा है । भारत में भी कम्प्यूटर के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है । भारत सरकार देश को कम्प्यूटरमय बनाने के लिए अमेरिका तथा जापान से सम्पर्क स्थापित कर रही है । कम्प्यूटर क्या है ? यह जिज्ञासा उत्पन्न होना स्वाभाविक है ।

वस्तुत: कम्प्यूटर ऐसे यांत्रिक मस्तिष्कों का रूपात्मक तथा समन्वयात्मक योग तथा गुणात्मक घनत्व है, जो तीव्रतम गति से न्यूनतम समय में अधिक-से-अधिक काम कर सकता है । गणना के क्षेत्र में इसका विशेष महत्त्व है । विज्ञान ने गणितीय गणनाओं के लिए अनेक गणनायंत्रों का आविष्कार किया है पर कम्प्यूटर की तुलना किसी से भी संभव नहीं ।

चार्ल्स बेवेज पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 19वीं शताब्दी के आरम्भ में सबसे पहला कम्प्यूटर बनाया है । इस कम्प्यूटर की यह विशेषता थी कि यह लम्बी-लम्बी गणनाओं को करने तथा उन्हें मुद्रित करने की क्षमता रखता था । कम्प्यूटर स्वयं ही गणना कर जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान शीघ्र कर देता है ।

कम्प्यूटर द्वारा की जाने वाली गणनाओं के लिए एक विशेष भाषा में निर्देश तैयार किये जाते हैं । इन निर्देशों और प्रयोगों को ‘कम्प्यूटर का प्रोग्राम’ की संज्ञा दी जाती है । कम्प्यूटर का परिणाम शुद्ध होता है । अशुद्ध उत्तर का उत्तरदायित्व कम्प्यूटर पर नहीं बल्कि उसके प्रयोक्ता पर है । कम्प्यूटर के सफल प्रयोग ने अनेक क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता सिद्ध की है ।

भारतीय बैंकों के खातों का संचालन तथा हिसाब-किताब रखने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग आरम्भ हो गया है । फिर भी कम्प्यूटर ने उन्नत देशों के बैंकों में जो स्थान बनाया है, वह अभी भारत में नहीं बना । समाचार-पत्रों तथा पुस्तकों के प्रकाशन में भी कम्प्यूटर अभी विशेष भूमिका का निर्वाह कर रहा है ।

कम्प्यूटर से संचालित फोटो कम्पोजिंग मशीन के माध्यम से छपने वाली सामग्री को टंकित किया जा सकता है । टंकित होने वाले मैटर को कम्प्यूटर के पर्दे पर देखा जा सकता है । कम्प्यूटर संचार का भी एक महत्त्वपूर्ण साधन है । ‘कम्प्यूटर नेटवर्क’ के माध्यम से देश के प्रमुख नगरों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने की व्यवस्था की जा रही है ।

आधुनिक कम्प्यूटर डिजाइन तैयार करने में सहायक हो रहा है । भवनों, मोटर-गाड़ियों, हवाई जहाजों आदि के डिजाइन तैयार करने में ‘कम्प्यूटर ग्राफिक’ का व्यापक प्रयोग हो रहा है । कम्प्यूटर में एक कलाकार की भूमिका का निर्वाह करने की भी क्षमता है । अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने अपना अद्‌भुत कमाल दिखाया है ।

इसके माध्यम से अंतरिक्ष के व्यापक चित्र उतारे जा रहे हैं । इन चित्रों का विश्लेषण भी कम्प्यूटर के माध्यम से ही किया जा रहा है । औद्योगिक क्षेत्र में, युद्ध के क्षेत्र में तथा अन्य अनेक क्षेत्रों में कम्प्यूटर का प्रयोग किया जा सकता है । इसका प्रयोग परीक्षा-फल के निर्माण में, अंतरिक्ष यात्रा में, मौसम सम्बन्धी जानकारी में, चिकित्सा में तथा आम चुनाव में भी किया जा रहा है ।

अब प्रश्न उठता है कि कम्प्यूटर और मानव-मस्तिष्क की तुलना संभव है ? यदि सम्भव है तो इनमें कौन श्रेष्ठ है ? आखिर कम्प्यूटर के मस्तिष्क का निर्माण भी तो मनुष्य द्वारा ही हुआ है । तुलना में मनुष्य ही श्रेष्ठ है; क्योंकि कम्प्यूटर उपयोगी होते हुए भी मशीन के समान है । वह मानव के समान संवेदनशील नहीं बन सकता । कम्प्यूटर भी मनुष्य के हाथ की मशीन है ।

मनुष्य के बिना उसका कोई महत्त्व नहीं । भारत में कम्प्यूटर का प्रयोग अभी आरंभिक अवस्था में है, पर धीरे-धीरे इसका प्रयोग और महत्त्व बढ़ता जा रहा है । मनुष्य को कम्प्यूटर को एक सीमा तक ही प्रयोग में लाना चाहिए । मनुष्य स्वयं निष्क्रिय न बने, बल्कि वह स्वयं को सक्रिय बनाये रखे तथा अपनी क्षमता को सुरक्षित रखे ।

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