Economy, asked by mk0903, 1 year ago

concept of demand in Hindi

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Answered by Sauron
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एक निश्चित मूल्य पर समय की निश्चित इकाई के भीतर क्रय की जानेवाली वस्तु का परिमाण ही माँग (Demand) है। माँग, मूल्य और वस्तु की मात्रा का वह संबंध व्यक्त करती है, जो उस भाव पर समय की निश्चित इकाई में क्रय की जाए। इसलिये माँग मूल्याश्रित है; साथ ही वह किसी विशेष समय की होती है। इसी मूल्याश्रय के कारण माँग एवं आवश्यकता एक ही तत्व नहीं है, भले ही माँग का मूलाधार आवश्यकता हो।
माँग का सिद्धांत सार्वभौम नहीं है। निम्नांकित चार अवस्थाओं में वस्तुओं का मूल्य बढ़ जाने पर भी वस्तुओं की माँग में वृद्धि होती है :

(क) भविष्य में वस्तु का पूर्ति में कमी होने की संभावना की स्थिति में,

(ख) शान शौकत के प्रदर्शन के लिये,

(ग) जीवनयापन के लिये वस्तु की अनिवार्यता के कारण तथा

(घ) अज्ञानता के कारण।

माँग निम्नांकित तत्वों से प्रभावित होती है --

(१) आय में परिवर्तन,

(२) जनसंख्या में परिवर्तन

(३) द्रव्य की मात्रा में परिवर्तन,

(४) धन के वितरण में परिवर्तन,

(५) व्यापार की स्थिति में परिवर्तन,

(६) अन्य प्रतिस्पर्द्धी वस्तुओं के मूल्यों में परिवर्तन

(७) रुचि तथा फैशन में परिवर्तन और

(८) ऋतुपरिवर्तन।

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