concept of international business environment in hindi
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इस तरह मनुष्य के द्वारा धनोपार्जन के लिए की जाने वाली समस्त क्रियाएँ व्यवसाय के अन्तर्गत आती हैं । किसी भी अनार्थिक क्रिया को व्यवसाय में सम्मिलित नहीं किया जाता है । व्यवसाय में केवल उन्हीं मानवीय क्रियाओं को शामिल किया जाता है, जो समाज की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाती हैं ।
इसी प्रकार पर्यावरण का तात्पर्य उन सभी घटकों से है, जो किसी भी इकाई के चारों ओर विद्यमान रहते हैं और इकाई को इन घटकों में ही कार्य करना पड़ता है ।
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Essay # 3. व्यावसायिक पर्यावरण का महत्व (Importance of Business Environment):
व्यवसाय अपने आस-पास के वातावरण से न केवल प्रभावित होता है वरन् स्वयं अपनी गतिविधियों से पर्यावरण के निर्माण में योगदान भी देता है । आज वैश्वीकरण के युग में जहाँ अनेक आन्तरिक एवं बाह्य घटक व्यवसाय के निर्धारक होते हैं वहाँ पर्यावरण का व्यवसाय में अत्यधिक महत्व है ।
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विश्व आर्थिक परिदृश्य में कुछ राष्ट्र समृद्ध एवं उन्नतशील हैं और कुछ गरीबी, बेरोजगारी एवं अशिक्षा जैसी समस्याओं से अनवरत संघर्ष कर रहे हैं । आर्थिक असमानता में व्यावसायिक पिछड़ेपन के जो कारक हैं उसके मूल में पर्यावरण का अन्तर ही है जो पिछड़े और गरीब राष्ट्रों के व्यावसायिक क्षेत्र में प्रगति को प्रतिबन्धित करता है ।
व्यावसायिक क्षेत्र में पर्यावरण के महत्व को निम्नलिखित प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है:
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viii. अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं का महत्व (Importance of International Events):
व्यवसाय का स्वरूप अब इस तरह का हो गया है कि उस पर केवल स्थानीय तत्वों का ही प्रभाव नहीं पड़ता है वरन् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होने वाली घटनाओं का प्रभाव भी पड़ता है । विश्व व्यापार संगठन के अस्तित्व में आने पर हमारे घरेलू व्यवसाय भी इसके अन्तर्गत आने वाले समझौतों से प्रभावित हो रहे हैं । इस प्रकार अब व्यवसाय के लिए अन्तर्राष्ट्रीय घटनाओं का भी व्यापक महत्व है ।
उपर्युक्त विवरण से यह निष्कर्ष निकलता है कि व्यवसाय का उसके पर्यावरण से अत्यधिक घनिष्ठ सम्बन्ध है । व्यवसाय के विकास की अवस्था से उस स्थान के पर्यावरण का सहज ही आकलन किया जा सकता है । समाज एवं शासन मिलकर यदि व्यवसाय का अनुकूल पर्यावरण सृजित कर पाते हैं तो उन राष्ट्रों की प्रगति में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती है ।
व्यावसायिक पर्यावरण के महत्व को देखते हुए अब सुनियोजित ढंग से इसे विकसित करने के प्रयत्न किये जाते हैं, तभी अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में व्यवसाय का अस्तित्व बचा रह सकता है ।
(3) व्यवसाय पर पर्यावरण का व्यापक प्रभाव (Extensive Impact of Environment on Business):
व्यावसायिक पर्यावरण प्रायः सम्पूर्ण व्यवसाय को व्यापक रूप से प्रभावित करता है । जैसे – आर्थिक मन्दी, राजनीतिक अस्थिरता, सरकारी कानूनों तथा कराधान व आयात-निर्यात नीतियों में रोज नये परिवर्तन सभी व्यवसायों को कम – या अत्यधिक रूप से प्रभावित करते हैं – उनकी भविष्य की योजनाएँ अपनी धुरी से हिल जाती हैं तथापि इनका प्रभाव भिन्न-भिन्न व्यवसायों पर भिन्न-भिन्न होता है ।
विलासिता की वस्तुएँ निर्मित करने वाले उद्योग जैसे कार उद्योग लोचदार माँग के कारण मन्दी से अत्यधिक प्रभावित होते हैं तो निर्यात और विदेशी सहयोग पर आश्रित उद्योग जैसे निर्यात के लिए तैयार वस्त्र निर्मित करने वाले उद्योग विदेशों में होने वाले परिवर्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं ।