Hindi, asked by sanjaybiswakarma015, 9 months ago

Conclusion for Vidyarthi Or Anushashan!​

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Answered by lovewithsomeone
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Answer:मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । किसी समाज के निर्माण में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । अनुशासन ही मनुष्य को श्रेष्ठता प्रदान करता है तथा उसे समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है ।

विद्‌यार्थी जीवन में तो इसकी उपयोगिता और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह वह समय होता है जब उसके व्यक्तित्व का निर्माण प्रांरभ होता है । दूसरे शब्दों में, विद्‌यार्थी जीवन को किसी भी मनुष्य के जीवनकाल की आधारशिला कह सकते हैं क्योंकि इस समय वह जो भी गुण अथवा अवगुण आत्मसात् करता है उसी के अनुसार उसके चरित्र का निर्माण होता है ।

Answered by Mansi7652
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Answer:

विद्यार्थी के लिए जितनी पढ़ाई-लिखाई आवश्यक है उतना ही अनुशासन होना जरूरी है क्योंकि बिना अनुशासन के पढ़ाई की कल्पना नहीं की जा सकती है. Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Ka Mahatva Bhut Adhik hota hai.

विद्यार्थी एक खाली कागज़ की तरह होता है जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है. अगर विद्यार्थी को उस समय सही शिक्षा और उचित संगत नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत कार्य की राह पकड़ सकता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की महत्वता और भी बढ़ जाती है.विद्यार्थी की हमारे देश की भावी पीढ़ी है जो कि आगे जाकर हमारे देश का निर्माण करेगी. लेकिन विद्यार्थियों को अनुशासन में रहना नहीं पता होगा तो वे देश का निर्माण करने की वजह उसका नाश भी कर सकते है.

विद्यार्थी वर्ग देश की युवा शक्ति होता है अगर किसी देश की युवा शक्ति ही गलत रहा है और गलत संगत में हो तो उस देश का उद्धार होना संभव नहीं है.

Vidyarthi जीवन ही एक व्यक्ति के पूरे जीवन की आधारशिला होती है अगर यह आधारशिला ही कमजोर होगी तो आगे का भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का मुंह भी देखना पड़ सकता है. यह जीवन की कड़वी सच्चाई है लेकिन आजकल लोग इस बात पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहे है.

वर्तमान समय में किसी भी व्यक्ति के पास एक दूसरे के लिए समय ही नहीं है अभिभावक भी अपनी नौकरी पेशा जिंदगी के कारण अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते है जिस कारण उनके बच्चे अकेले पड़ जाते है. और बच्चे अपना अकेलापन दूर करने के लिए TV, मोबाइल, इंटरनेट का सहारा लेते है.

बच्चों को यह नहीं पता होता है कि TV, मोबाइल और इंटरनेट को काम में कैसे लिया जाता है इसलिए उनकी राय भटकने का और अनुशासनहीनता का खतरा बना रहता है. वर्तमान में यह स्थिति और भी भयावह हो गई है अभिभावकों और शिक्षकों के विद्यार्थियों पर सही से ध्यान नहीं देने के कारण विद्यार्थी को संगति में पड़ रहे है.

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