conclusion on Rakesh Sharma in hindi not English
Answers
Answer:
यह भारत के प्रथम अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा हैं, जिन्होंने 03 अप्रैल 1984 को भारतीय समय अनुसार 6 बजकर 37 मिनट पर सोयूज टी-11 से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी और अंतरिक्ष में 238 दिन बिताने के बाद धरती पर वापस लौटे। उस अवसर पर तत्कालीन भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था- ''वे भारत की सम्पूर्ण जनता की ओर से आप का अभिनन्दन करती हैं। आप की इस यात्रा से प्राप्त अनुभव तथा सूचनाओं का उपयोग मानव जाति के कल्याण के लिए किया जाएगा।'' जब श्रीमती गांधी ने राकेश शर्मा से पूछा कि आपको अंतरिक्ष से भारत कैसा लग रहा है, तो उन्होंने कहा, ''सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा।''
स्क्वाड्रन लीटर राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला जिले में हुआ उनके पिता का नाम श्री देवेन्द्र शर्मा तथा माता का नाम श्रीमती तृप्ता शर्मा था। राकेश की शिक्षा दीक्षा हैदराबाद में हुई। उन्होंने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया।
सन 1966 में एनडीए पास कर राकेश शर्मा इंडियन एयर फोर्स में कैडेट के रूप शामिल हुए। एनडीए पास करने के बाद वे 1970 में भारतीय वायु सेना में भर्ती हो गये। अपनी जुनून एवं देश प्रेम के बल पर उन्होंने 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान मिग एअर क्रॉफ्ट से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की और दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिये।
सन 1984 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस कार्यक्रम के तहत राकेश शर्मा का चयन हुआ। उस समय वे भारतीय वायुसेना में स्क्वाड्रन लीडर और विमान चालक के पद पर कार्यरत थे।
राकेश का विवाह सेना के अवकाश प्राप्त कर्नल श्री पी0 एन0 शर्मा की सुपुत्री मधु शर्मा से हुई। उन्हें 1600 घण्टे का हवाई जहाज उड़ाने का अनुभव प्राप्त है। राकेश शर्मा मृदुभाषी तथा मिलनसार व्यक्तित्व के धनी हैं तथा हिन्दी, अंग्रेजी के साथ तेलगू भाषा भी जानते हैं। उन्हें भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया है।
✌✌✌✋✋✋✌✌✌
hello
भूमिका- मानव के अदम्य साहस ने प्रकृति की अनबूझ पहेलियों को सुलझाने के लिए निरंतर प्रयास किए, संघर्ष से जूझते रहे तथा अनेक बलिदान भी दिए लेकिन अपने लक्ष्य में सफलता अवश्य ही प्राप्त की। विज्ञान के द्वारा समूद्र के गर्भ में छिपे रहस्य, अन्तरिक्ष का ज्ञान, नीले आकाश के चमकते चांद, सूरज सितारे तथा अन्य छिपे ग्रह-उपग्रह आज उसकी ज्ञान की परिधि से बाहर नहीं हैं। चाँद को देवता मानकर अब पूर्णमासी के व्रत कब तक रखे जाएंगे जबकि मनुष्य ने उसके धरातल पर कदम रख लिए हैं तथा उसके रहस्यों को समझने की कोशिश में जुटा हुआ है। भारतीय अन्तरिक्ष के इतिहास में भी एक नया अध्याय जुड़ा हैं जब राकेश शर्मा ने अन्तरिक्ष में उड़ान भरी।
sorry bro if anything here mistake so plzz u mention it
bczzz I don't know hindi
it's my request so plzz don't report it