conclusion on the story do kalakar in hindi
Answers
Explanation: दो कलाकार, मन्नू भंडारी जी द्वारा लिखी गयी प्रसिद्ध कहानी है . जिसमें उन्होंने दो लड़कियों का चित्रण किया है और एक सच्चे कलाकार की पहचान पर प्रकाश डाला गया है . प्रस्तुत कहानी में दो प्रमुख पात्र है - अरुणा और चित्रा .दोनों ही बहुत घनिष्ठ मित्र है .दोनों पढ़ने के लिए अपने -अपने घर से दूर एक होस्टल में रहती हैं . वे एक ही कमरे में रहती हैं . दोनों में बहुत ही मित्रता थी . अरुणा की रूचि समाज सेवा में हैं .वह निर्धन तथा बेसहारा बच्चों को खुले मैदान में बैठाकर पढ़ाती है . चित्रा एक चित्रकार है .वह एक अमीर बाप की एकलौती बेटी है तथा उनकी अनुमति से आगे बढ़ने के लिए विदेश जा रही है . एक बार बहुत तेज़ बारिश के कारण बाढ़ की हालात पैदा हो जाती है .लगातार तीन दिनों तक बर्षा होती रही .बाढ़ पीड़ितों की दशा बिगड़ती जा रही थी .अरुणा बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए गयी . जब वह पंद्रह दिन बाद लौटी तो वह बहित कमज़ोर हो गयी थी . इधर चित्रा होस्टल छोड़ कर विदेश जाने की तैयारी कर रही थी . होस्टल में जब चित्र से जब देर से आने का कारण पूछा तो बताया की किस प्रकार एक भिखारिन तथा उसके दो मृत बच्चों का स्केच बनाने के कारण उसे देर हो गयी . होस्टल से उसे शानदार बिदाई दी गयी . बाद में इसी चित्र के कारण चित्रा को को देश विदेश में ख्याति ,नाम और पैसा मिला .एक बार जब दिल्ली में चित्रा से अरुणा की मुलाकात हुई .अरुणा के साथ दो बच्चे भी थे . बच्चों के बारे में पूछे जाने पर अरुणा ने उसी भिखारिन की तस्वीर पर बने दोनों बच्चों की ओर इशारा करते हुए बताया की ये वहो दोनों बच्चे हैं जिसे अरुणा ने गोद लिया है .चित्रा की आँखें विस्मय से फैली रह गयी .
मन्नू भंडारी हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार हैं। मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में जन्मी मन्नू का बचपन का नाम महेंद्र कुमारी था। लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का चुनाव किया। उन्होंने एम० ए० तक शिक्षा पाई और वर्षों तक दिल्ली के मीरांडा हाउस में अध्यापिका रहीं। धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे।
मन्नू भंडारी ने कहानियां और उपन्यास दोनों लिखे हैं। विवाह विच्छेद की त्रासदी में पिस रहे एक बच्चे को केंद्र में रखकर लिखा गया उनका उपन्यास `आपका बंटी’ (१९७१) हिन्दी के सफलतम उपन्यासों में गिना जाता है। मन्नू भंडारी हिन्दी की लोकप्रिय कथाकारों में से हैं। इसी प्रकार ‘यही सच है’ पर आधारित ‘रजनीगंधा’ नामक फिल्म अत्यंत लोकप्रिय हुई थी । इसके अतिरिक्त उन्हें हिन्दी अकादमी, दिल्ली का शिखर सम्मान, बिहार सरकार, भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, व्यास सम्मान और उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा पुरस्कृत।