Hindi, asked by komal8075, 1 year ago

concrete ke jungle ke parinaam likho in Hindi​

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Answered by shubhangisingh27
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कंक्रीट का जंगल : 7 वर्ग किलोमीटर में 700 पेड़ भी नहीं / कंक्रीट का जंगल : 7 वर्ग किलोमीटर में 700 पेड़ भी नहीं

जालंधर। यह तस्वीर है जालंधर के करीब 7 किलोमीटर इलाके की। फोटो खुरला किंगरा में टीवी टावर से ली है। चंद पेड़ और बाकी है कंक्रीट की इमारतें। सात किलोमीटर में भास्कर टीम ने हालात का जायजा लिया तो 700 पेड़ भी नहीं मिले। हरियाली घट रही है और इमारतें बढ़ रही हैं।

इमारतें बढ़नी चाहिएं मगर पेड़ भी लगने चाहिए। घटते पेड़ों का असर सबके सामने है। बढ़ता टैंपरेचर। अगर हम न जागे तो आने वाला समय बहुत भयानक होगा। तो आज पर्यावरण दिवस पर संकल्प लें एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का।

सड़कें चौड़ी करने के लिए पेड़ कट रहे, मगर बहुत कम लग रहे

एक गंभीर मुद्दा यह है कि पंजाब में जंगलात एरिया कम हो रहा है। हमारे यहां तीन तरह का जंगलात एरिया है। पहला, रोड साइड, दूसरा मॉडरेट। तीसरा वेटलैंड के आसपास। मॉडरेट फॉरेस्ट पंजाब के टोटल लैंड का 1.5 प्रतिशत है, वहीं रोड साइड फॉरेस्ट एरिया 1.7 प्रतिशत है। पिछले सालों में वो 1.7 फीसदी एरिया भी 50 फीसदी कम हो गया है। इसका बड़ा कारण है, सड़कों को चौड़ा करने के लिए खत्म की जा रही हरियाली फिर वो लुधियाना हो, जालंधर या अमृतसर। अभी भी खरड़ से चंडीगढ़ रोड चौड़ा किया जा रहा है।

70 हजार पेड़ कटे थे 6 लेन और 4 लेन प्रोजेक्ट के लिए।

0.84 किलोग्राम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है व्यक्ति को, जिसके लिए 22 पेड़ चाहिए।

38 बड़े पेड़ खालसा कॉलंज फ्लाईओवर के लिए कटे।

01 एकड़ जमीन में लगे पेड़ 18 लोगों को साल भर ऑक्सीजन देते हैं।

01 मिनट मेें 7-8 लीटर हवा एक व्यक्ति रोजाना कंज्यूम करता है, इसमें 20 फीसदी ऑक्सीजन होती है।

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Answered by mgarvitsingh321
1
Answer:
जालंधर। यह तस्वीर है जालंधर के करीब 7 किलोमीटर इलाके की। फोटो खुरला किंगरा में टीवी टावर से ली है। चंद पेड़ और बाकी है कंक्रीट की इमारतें। सात किलोमीटर में भास्कर टीम ने हालात का जायजा लिया तो 700 पेड़ भी नहीं मिले। हरियाली घट रही है और इमारतें बढ़ रही हैं।

इमारतें बढ़नी चाहिएं मगर पेड़ भी लगने चाहिए। घटते पेड़ों का असर सबके सामने है। बढ़ता टैंपरेचर। अगर हम न जागे तो आने वाला समय बहुत भयानक होगा। तो आज पर्यावरण दिवस पर संकल्प लें एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने का।

सड़कें चौड़ी करने के लिए पेड़ कट रहे, मगर बहुत कम लग रहे

एक गंभीर मुद्दा यह है कि पंजाब में जंगलात एरिया कम हो रहा है। हमारे यहां तीन तरह का जंगलात एरिया है। पहला, रोड साइड, दूसरा मॉडरेट। तीसरा वेटलैंड के आसपास। मॉडरेट फॉरेस्ट पंजाब के टोटल लैंड का 1.5 प्रतिशत है, वहीं रोड साइड फॉरेस्ट एरिया 1.7 प्रतिशत है। पिछले सालों में वो 1.7 फीसदी एरिया भी 50 फीसदी कम हो गया है। इसका बड़ा कारण है, सड़कों को चौड़ा करने के लिए खत्म की जा रही हरियाली फिर वो लुधियाना हो, जालंधर या अमृतसर। अभी भी खरड़ से चंडीगढ़ रोड चौड़ा किया जा रहा है।

70 हजार पेड़ कटे थे 6 लेन और 4 लेन प्रोजेक्ट के लिए।

0.84 किलोग्राम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है व्यक्ति को, जिसके लिए 22 पेड़ चाहिए।

38 बड़े पेड़ खालसा कॉलंज फ्लाईओवर के लिए कटे।

01 एकड़ जमीन में लगे पेड़ 18 लोगों को साल भर ऑक्सीजन देते हैं।

01 मिनट मेें 7-8 लीटर हवा एक व्यक्ति रोजाना कंज्यूम करता है, इसमें 20 फीसदी ऑक्सीजन होती है।

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