Conversation between a tree and bird in hindi
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चिड़ियाँ और पेड़ के बीच संवाद :
चूं चू चूं !! चुन चुन चुन !! कुहू कुहू ! काँव काँव ! सुबह सुबह इसी स्वर से चिड़ियों ने कलरव करना शुरू किया I
छोटी गोरैया बोली(पेड़ से ):बाबा बाबा !सारी चिड़ियाँ हल्ला कर रही हैं I तुम्हारी नींद उचट गयी न I मैं मनाकर रही थी कि थोड़ी देर चुप रहो ,
पेड़ :नहीं बेटा ऐसा नहीं है ,जब मैं तुम्हारा बाबा हूँ तो मैं सोता कब हूँ I मुझे चिंता रहती है कि हमारी शाखाओं पर घोसले में छुपे पक्षी पर किसी तरह कि विपत्ति न आये I
गोरैया: तो तुम जगे थे बाबा ?मुझे लग रहा था कि तुम्हारी नींद उचट गयी I
पेड़ :बिटिया किसी भी बाबा को अपने नाती पोते पोतियाँ कभी बाधक बनते हैं क्या ?तुमलोगों की चहचहाहट ने तो प्रकृति में संगीत घोल दिया है I पहले तुमलोग जगती हो उसके बाद अरुणोदय की लाली आती है I कितना अच्छालगता है तुम्हारा मधुर संगीत (गोरैया फुदक फुदक कर इतरा कर चली जाती है )
मैना :बाबा बाबा मैं जा रही हूँ दाना लाने तुम बच्चों को देखना I
पेड़: ठीक है बिटिया जाओ !अच्छी तरह जाना औए समय पर वापस आ जाना ,ज़रा कौवे को मेरे पास भेजो तो I
कौवा :(कांव कांव करता हुआ ) क्या बात है बताओ?
पेड़ : सुबह हो गयी है निकलो आसमान में उडो ,देर करोगे तो साथी आगे बढ़ जायेंगे I मैं चाहता हूँ की तुम आगे बढ़ो I
कौवा :मैं तो जा ही रहा था इसमें बताने की क्या जरूरत थी I
पेड़ :तुम कभी भी नहीं सुधर सकते ,मैंने तुम्हे भी शरण में रखा है I
कोयल : (कुहू कुहुह करते हुए )बाबा सरस्वती की वीणा लेकर मैं तुम्हारे चरणों में अर्पित करने आई हूँ I सोचती हूँ पहली प्रार्थना तुम्हारी हो जाए I
पेड़ :अच्छा आज मेरे लिए गाओगी ?
कोयल :हाँ बाबा I
पेड़ : गा I
कोयल :( गाती है ) I
"तरु की छाँव भी हमारी है ,ये तरु भी हमारा है I
हम जैसे असंख्य चिड़ियों को इसने दिया सहारा है II
इसकी आयु लम्बी हो हम यूँ ही नाचे गाये I
प्रकृति हमारी बनी रहे यूँ ही संगीत सुनाएँ I I"