¥conversation between crow and dove answer in Hindi please¥™
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Answer:
एक जंगल मे एक कौवा रहा करता था,वह बहुत होशियार और अच्छी आदत का था, जब भी किसी को जरूरत होती,वह हमेशा उसकी मदद करता था।
उसी जंगल मे एक कबूतर रहता था, वह कबूतर बहुत अधिक सुंदर था, और सुंदर होने के कारण वह अन्य पक्षियों से बहुत दुर्व्यवहार किया करता था। कौवे से भी कबूतर दुर्व्यवहार करता,
और अधिकतर समय उसका कालेपन की वजह से मज़ाक उड़ाता।
कौवा कबूतर को भी अपना मित्र ही समझता था, पर कबूतर को कौवे को अपना मित्र कहने पर घृणा आती थी, और वह कौवे को हमेशा उसके रंग की वजह से नीच दिखता था।
एक बार की बात है, एक दिन कौवा एक पेड़ की डाल पर बैठ कर कुछ खा रहा था, कबूतर की नज़र उसपर पड़ गयी और कबूतर कौवे से बोला- अरे काले कौवे महाराज तुमको भगवान ने सुंदर तो नही बनाया,
परचम चोरी कब से करने लग गए, मेने सुना है तुम आजकल खाना चुराने लग गये हो, कौवे को इस बात से बहुत दुख हुआ, वह रोने लगा। और घर चला गया।
कुछ ही दिनों बाद कबूतर एक शिकारी के जाल में फस गया था, ऐसे में वह किसी को बुलाने के लिए जोर जोर से चिल्ला रहा था, परन्तु उसको सुनने वाला कोई न था।
फिर अचानक कौवे की नज़र कबूतर पर पड़ी, उसने जैसे तैसे कबूतर को जाल से छुड़ाया। और दोनों एक डाल पर बैठ गए। कबूतर को कौवे की इस एहसान को देखकर बहुत पछतावा हुआ,
और उसने कौवे से माफी मांगी।
कौवे ने कबूतर को माफ किया,और दोनों पक्के मित्र बन गए।
सीख- कभी किसी का उपहास नहीं उड़ाना चाहिए। कोई भी कभी भी हमारे काम आ सकता है।