conversation between tree and bird in marathi
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एक पेड़ और पक्षी के मध्य संवाद हुआ आगे देखते हैं कि आखिर दोनों में करता बात हुआ--
पक्षी-- अब हम पक्षियों को खाने के लिए शायद ही कोई फल मिलता है। ये मानव लोग हमारे लिए कोई फल क्यों नहीं छोड़ते?
पेड़-- मुझे पुराने समय के दिनों की याद आती है जब हजारों पक्षी मेरे ऊपर आकर बैठते थे। घोंसले बनाते थे। मगर आज यह मानव हमें ही काट रहे हैं।
पक्षी-- हम पक्षियों की आबादी बहुत कम हो रही है; यहां तक कि बगीचे भी अब मानवों के कारण प्रदूषित हो रहे हैं; हम शहरों और गांवों के बढ़ते प्रदूषण में जीवित नहीं रह सकते हैं। यदि यह जारी रहा तो जल्द ही विशाल जीवन-समर्थन प्रणाली गिर जाएगी।
पेड़-- यहां तक कि मेरी संख्या भी कम हो गई है। कल तक लोग मेरे नीचे खड़े रहते थे छाया के लिए मगर आज मुझे अपने मतलब फल और फूल पाने के लिए रखते हैं नहीं तो काट देते हैं।
पक्षी-- आशा है कि चीज़ें एक दिन अवश्य सामान्य हो जाएगी। बहुत से मानव ऐसे भी हैं जो हमें बचाने के लिए आंदोलन भी करते हैं
वृक्ष-- अगर ऐसी बात है तो अवश्य हम जीवित रहेंगे और मानव भी वरना हमारे खत्म होते ही मानव जीवन भी खत्म।
पक्षी-- बिल्कुल।
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Answer:
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
पक्षी- आप उदास क्यों हो?
वृक्ष- देखो! मनुष्य ने इस पृथ्वी का क्या हाल कर दिया है? मेरे भाइयों को काटकर पृथ्वी को बदरंग और प्रदूषित कर दिया है।
पक्षी- मैं समझता हूँ। मनुष्य तुम्हें अपने स्वार्थों के लिए काट रहे हैं। साथ ही हमारा जीवन भी नष्ट कर रहे हैं। इन्हें तब तक अक्ल नहीं आएगी, जब तक इनकी जान में न बन जाए।
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तुमच्या प्रश्नांची उत्तरे
पक्षी- आपण उदास आहात?
वृक्ष- पहा! पृथ्वीवरील पृथ्वीवर काय झाले? माझ्या भावांचा कटकर पृथ्वीचा बदरंग आणि प्रदूषित कर आहे.
पक्षी- मी पाठता हूँ.