conversation between two friends on summer vacation in hindi
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केशव: हमारी छुट्टियां २१ मई से शुरू हो जाएँगी। तुम्हारी छुट्टियां तो शायद शुरू हो चुकी हैं।
राघव: हाँ, हमारा १३ मई छुट्टियों से पहले आखिरी दिन था। मैं मनाली में अपनी आंटी के पास जाने की सोच रहा हूँ। अगर तुम भी मेरे साथ आना चाहते हो तो मैं अपना प्रोग्राम २१ के बाद बना लूँगा।
केशव: वाह! मैं तुम्हारे साथ जाना जरूर पसंद करूँगा लेकिन पहले मुझे अपने पापा से पूछना पड़ेगा। अगर वह इज़ाज़त दे देंगे तो हम २२ मई को ही चलेंगे। शाम को पापा ऑफिस से वापिस आएंगे तो मैं उनसे पूछकर तुम्हे बता दूंगा। राघव: हम वहां पर ट्रैकिंग के लिए भी जाएंगे और खूब मरती करेंगे। मेरी आंटी बहुत अच्छी हैं! बस दुआ करता हूँ तुम्हारे पापा हाँ कर दें।
केशव: मैं शाम को तुम्हे फ़ोन कर के बताता हूँ। जहाँ तक मैं सोचता हूँ वो मना नहीं करेंगे।
राघव: मैं तुम्हारे फ़ोन का इंतज़ार करूँगा। बाय-बाय!
केशव: बाय, शाम तक के लिए!
रमेश: राम मेरे लिए आज खुशी का दिन है। मुझे नाचने का मन कर रहा है।
राम: अब क्या हो गया?
रमेश: इतना अंजान मत बनो। तुम को भी पता है।
राम: अगर मुझे पता है तो तुमसे नहीं पूछता।
रमेश: हमको गर्मी की छुट्टियाँ मिल गए है। तुम थोड़े परेशान है। कारण क्या है?
राम: तुम्हारे खुशियों की कारण ही मेरी परेशानी का कारण है।
रमेश: छुट्टियाँ हमारे लिए खुशी है परेशानी नहीं। हर तरफ बच्चे खुशी से खेलने का दृश्य देखने को मिलता है। हमें कोई भी पढ़ने के लिए नहीं कहेगा।
राम: सही है यार पर हर साल गर्मी के मौसम में तापमान बद रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मनुष्य जीने की लायक नहीं बचेगा।
रमेश: सोच तुम्हारा सही है। हम इस समस्या को दूर भागने के लिए पेड़-पौधे को उगाने चाह
राम: इस छुट्टियों में तुम क्या करोगे?
रमेश: जो मन चाहे वही करूंगा।
राम: चल हम कुछ नया सीखते है। मना मत करना।
रमेश: जरूर सीखेंगे। अलविदा यार।
राम: अलविदा।