Conversation on oxygen within two friend in hindi
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दो दोस्त के भीतर ऑक्सीजन पर बातचीत
ऋषि: अरे भाई ज्ञान, तुम इन गर्मी की छुट्टियों में क्या कर रहे हो?
ज्ञान: कुछ ख़ास नहीं ऋषि भाई, क्यों, क्या बात है?
ऋषि: मैं और मेरे दो दोस्त सोच रहे हैं कि इन गर्मी की छुट्टियों में हम मुंबई घूमने जायें। हम एक गाड़ी किराये पर ले रहे हैं। गाड़ी में चार लोगों की जगह है, तो हम सोच रहे हैं कि अगर हम चार लोग एक साथ जायें तो गाड़ी का भाड़ा और तेल का ख़र्च थोड़ा कम होगा। मैं चाहता हूँ कि तुम हमारे साथ मुंबई घूमने चलो।
ज्ञान: अरे वाह! यह तो बहुत बढ़िया योजना है। तुम लोगों को बहुत मज़ा आयेगा। लेकिन भाई, मुझे माफ़ करना, मैं तुम लोगों के साथ नहीं जा पाऊँगा।
ऋषि: क्यों यार, तुम गर्मी की छुट्टियों में क्या कर रहे हो? चलो न हमारे साथ, बहुत मज़ा आयेगा।
ज्ञान: मुझे मालूम है कि दोस्तों के साथ मुंबई घूमने जाना एक बहुत मज़ेदार अनुभव होगा। लेकिन मुझे अपने गाँव जाना है। मैं हमेशा गर्मी की छुट्टियाँ अपने परिवार के साथ, अपने घर, अपने गाँव में बिताता हूँ।
ऋषि: अरे हाँ यार, मुझे याद आया कि तुम हर वर्ष अपने गाँव जाते हो। मगर, तुमने मुझे अपने घर और परिवार के बारे में कुछ नहीं बताया है। मुझे अपने परिवार के बारे में कुछ बताओ न।
ज्ञान: ऋषि भाई, मेरा पूरा परिवार पटना से सौ किलोमीटर दूर एक गाँव में रहता है। मेरे परिवार में मेरे बाबू जी, मेरी माँ, एक छोटा भाई और तीन छोटी बहनें हैं। मेरे घर में, मेरे दादा जी, दादी जी, और दो चाचा और उनके परिवार भी रहते हैं।
ऋषि: तुम्हारा परिवार तो बहुत बड़ा है। तुम्हारे परिवार में कुल कितने लोग हैं?
ज्ञान: मेरे परिवार में कुल अठारह लोग हैं और हम सब एक ही घर में रहते हैं।
ऋषि: यार तब तो तुम्हारा घर बहुत बड़ा होगा। अपने घर के बारे में कुछ बताओ न।