Hindi, asked by physicist2121, 11 months ago

Conversations about any freedom segment between two freedom fighters

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Answered by ans81
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कई बार संशोधन करने के पश्चात भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया जो 3 वर्ष बाद यानी 26 नवंबर 1950 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया। तब से 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। इस बार हम 61वाँ गणतंत्र दिवस मनाएँगे। 

भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और इस दौरान लोगों में लोकतांत्रिक व्यवस्था के प्रति असंतोष भी व्याप्त होता गया। असंतोष का कारण भ्रष्ट शासन और प्रशासन तथा राजनीति का अपराधिकरण रहा। भारत में बहुत से ऐसे व्यक्ति और संगठन हैं जो भारतीय संविधान के प्रति श्रद्धा नहीं रखते। 

व्यर्थ है असंतोष : इस अश्रद्धा का कारण हमारा संविधान नहीं है। माओवादी जैसे पूर्वोत्तर के अन्य संगठन आज भी यदि सक्रिय है तो कारण सिर्फ इतना है कि भ्रष्ट गैर जिम्मेदार राजनीतिज्ञों और अपराधियों के चलते उनका लोकतंत्र से विश्वास उठ गया। लेकिन समझने वाली बात यह है कि लादी गई व्यस्था और तानाशाह कभी दुनिया में ज्यादा समय तक नहीं चल पाया। माना कि लोकतंत्र की कई खामियाँ होती है, लेकिन तानाशाही या धार्मिक कानून की व्यवस्था व्यक्ति स्वतंत्रता का अधिकार छीन लेती है, यह हमने देखा है। जर्मन और अफगानिस्तान में क्या हुआ सभी जानते हैं। सोवियत संघ क्यों बिखर गया यह भी कहने की बात नहीं है। भविष्य में देखेंगे आप चीन को बिखरते हुए। 



ND

लोकतंत्र को परिपक्व होने दें : हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गर्व है। हमारा लोकतंत्र धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है। हम पहले से कहीं ज्यादा समझदार होते जा रहे हैं। धीरे-धीरे हमें लोकतंत्र की अहमियत समझ में आने लगी है। सिर्फ लोकतांत्रिक व्यवस्था में ही व्यक्ति खुलकर जी सकता है। स्वयं के व्यक्तित्व का विकास कर सकता है और अपनी सभी महत्वाकांक्षाएँ पूरी कर सकता है। जो लोग यह सोचते हैं कि इस देश में तानाशाही होना या कट्टर धार्मिक नियम होने चाहिए वे यह नहीं जानते कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान में क्या हुआ। वहाँ की जनता अब खुलकर जीने के लिए तरस रही है। ये सिर्फ नाम मात्र के देश हैं। 

लोकतंत्र बनेगा गुणतंत्र : हमारा समाज परिवर्तित हो रहा है। मीडिया जाग्रत हो रही है। जनता भी जाग रही है। युवा सोच का विकास हो रहा है। शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है। टेक्नोलॉजी संबंधी लोगों की फौज बढ़ रही है। इस सबके चलते अब देश का राजनीतिज्ञ भी सतर्क हो गया है। ज्यादा समय तक शासन और प्रशासन में भ्रष्टाचार, अपराध और अयोग्यता नहीं चल पाएगी तो हमारे भविष्य का गणतंत्र गुणतंत्र पर आधारित होगा, इसीलिए कहो....गणतंत्र की जय हो। ( वेबदुनिया डेस्क)

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