convert this samvad into a story and write it's moral एक बार की बात है।एक पढ़ा-लििा घमोंडी व्यखि एक नाव में सवार हुआ।घमिंडी व्यक्ति –(घमिंड से भरकर) क्या तुमने व्याकरण पढ़ीहै नाबवक ?नाबवक –नहीिं।घमिंडी व्यक्ति –अफ़सोस है बक तुमने अपनी आधी उम्र र्ोिं ही गँवा दी।(थोड़ी देर बाद)घमिंडी व्यक्ति –क्या तुमने इबतहास और भूगोल पढ़ा है ?नाबवक –(बसर बहलाते हुए) नहीिं।घमिंडी व्यक्ति –बिर तो तुम्हारा पूरा जीवन ही ेकार गर्ा।(नालवक को बड़ा गुस्सा आया िेलकन उस समय वह कु छ नहीों बोिा)(तभी अिानक हवा के तीव्र झोोंको ने नाव को भँवर में डाि लदया)नाबवक –(ऊँ चे स्वर में) भाई आपको तैरना भी आता है बक नहीिं ?घमिंडी व्यक्ति –नहीिं,मुझे तैरना नहीिं आता।नाबवक –बिर तो आपको अपने इबतहास,भूगोल को सहार्ता के बलए ुलाना होगा वरना आपकी सारीउम्र र ाद हो जाएगी क्योिंबक नाव अ भँवरमें डू ने वाली है।(यह कहकर नालवक नदी में कू द तैरता हुआ लकनारे की तरफ़ बढ़ गया)(इधर घमोंडी व्यखि भँवरमें फँ सकर नदी में डूब गया।)
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gaih
ekbeehshjjejevdjsijsj
Answer:
एक बहुत ज्ञानी,पढा लिखा व्यक्ति एक अनपढ़ और गरीब नावक की नाव में सवार हुआ।वह ज्ञानी तो था पर बड़ा अहंकारी था।उसे अपने ज्ञान पर गुरूर था। नाव चलने लगी।कुछ समय गुजारने के बाद उसने नावीक से पूछा,"अरे हो नावीक दिखने में तो गरीब लगते हो पर क्या तुमने व्याकरण पढ़ा है?" बेचारा नावीक ठहरा अनपढ़ वह तो वर्णमाला के अक्षर तक नहीं जानता था व्याकरण तो दूर की बात।वह नम्र स्वर में बोला,"नही मालिक नही पढ़ा।" वह ज्ञानी अचरज में पड़ गया। कुछ समय बाद उसने नावीक से पूछा,"क्या तुमने इतिहास या भूगोल पढ़ा है?" नावीक बोला नहीं। वह घमंडी बड़े अहंकार से बोला,"अरे मूर्ख फिर तो तेरा संपूर्ण जीवन व्यर्थ है।" इस बात से नावीक को बड़ा क्रोध आया। तभी अचानक से ऑंधी चलने लगी। नाव हिचकोले खाने लगी।नाव में पानी भर गया,वह डूबने लगी। उस समय नावीक को तैरना आता था पर उस व्यक्ति को नहीं। उस नावीक ने कहा,"आपको तैरना नहीं आता।अब आपका जीवन व्यर्थ है। आपको अपनी रक्षा हेतु अब इतिहास और भूगोल को बूलाना होगा।" यह कहकर वह नदी में कूद गया और सुरक्षित किनारे पर पहुंच गया।वह अहंकारी व्यक्ति वहीं पानी में डूब गया।