corona kal mai technology ka mahatva
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कोरोना काल ने डाली डिजिटल इंडिया में जान, तमाम क्षेत्रों में डिजिटल की बढी दखलंदाजी
इंटरनेट और कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि आने वाला वक्त अपने परंपरागत रूप से अलग होगा, जिसकी झलक हमें रोजमर्रा के काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल में दिख भी रही थी, लेकिन कोरोना काल ने मानव सभ्यता के बदलाव की तस्वीर को एक झटके में बदल दिया। मानव सभ्यता में इतना बड़ा बदलाव शायद इससे पहले आग, पानी और पहिये की खोज के बाद ही आए थे। फिर इंटरनेट ने तस्वीर बदली और समाज में बहुत सी क्रांतिकारी घटनाएं घटीं और ऑनलाइन का दौर आ गया, पर अभी भी बहुत से लोग इंटरनेट से दूर थे, क्योंकि उनके पास उन कामों के लिए परंपरागत विकल्प थे, जिससे इंटरनेट से मानव सभ्यता का चेहरा जितनी तेजी से बदलना चाहिए था वो गति नहीं थी, लेकिन कोरोना से उत्पन्न परिस्थितयों ने अचानक ही कई सारे बदलाव कर दिए।
दरअसल इंटरनेट की व्यापकता ने घर और ऑफिस के फर्क को बहुत हद तक कम कर दिया है। बहुत से पुराने रोजगार हमेशा के लिए अतीत हो जाएंगे, वहीं कई नए क्षेत्रों में रोजगार का सृजन होगा जिसमें सिर्फ कंप्यूटर और इंटरनेट का ही राज होगा। ऐसी परिस्थितयों में जब घर से काम करने वाले कर्मचारी सामान्य स्थिति में लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनमें से बहुत से लोग अब अपने परंरागत कार्यालय नहीं लौटे पाएंगे। क्या हम डिजिटल भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं? क्या यह नया सामान्य यानी न्यू नॉर्मल होगा? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके उत्तर खोजने में सारी दुनिया के चिंतक लगे हुए हैं।
Answer:
इंटरनेट और कंप्यूटर के बढ़ते प्रयोग से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि आने वाला वक्त अपने परंपरागत रूप से अलग होगा, जिसकी झलक हमें रोजमर्रा के काम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल में दिख भी रही थी, लेकिन कोरोना काल ने मानव सभ्यता के बदलाव की तस्वीर को एक झटके में बदल दिया। मानव सभ्यता में इतना बड़ा बदलाव शायद इससे पहले आग, पानी और पहिये की खोज के बाद ही आए थे। फिर इंटरनेट ने तस्वीर बदली और समाज में बहुत सी क्रांतिकारी घटनाएं घटीं और ऑनलाइन का दौर आ गया, पर अभी भी बहुत से लोग इंटरनेट से दूर थे, क्योंकि उनके पास उन कामों के लिए परंपरागत विकल्प थे, जिससे इंटरनेट से मानव सभ्यता का चेहरा जितनी तेजी से बदलना चाहिए था वो गति नहीं थी, लेकिन कोरोना से उत्पन्न परिस्थितयों ने अचानक ही कई सारे बदलाव कर दिए।
दरअसल इंटरनेट की व्यापकता ने घर और ऑफिस के फर्क को बहुत हद तक कम कर दिया है। बहुत से पुराने रोजगार हमेशा के लिए अतीत हो जाएंगे, वहीं कई नए क्षेत्रों में रोजगार का सृजन होगा जिसमें सिर्फ कंप्यूटर और इंटरनेट का ही राज होगा। ऐसी परिस्थितयों में जब घर से काम करने वाले कर्मचारी सामान्य स्थिति में लौटने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनमें से बहुत से लोग अब अपने परंरागत कार्यालय नहीं लौटे पाएंगे। क्या हम डिजिटल भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं? क्या यह नया सामान्य यानी न्यू नॉर्मल होगा? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जिनके उत्तर खोजने में सारी दुनिया के चिंतक लगे हुए हैं।
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@MsElegant