Hindi, asked by NishaSarma, 9 months ago

corona vaurus ke bisai mai rasana​

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Answered by ItzParth14
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नई दिल्ली: अगर आपको खाने में चीजों का स्वाद नहीं मिल रहा है और आसपास की चीजों की गंध महसूस नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. आपको कोराना की जांच जरूर करा लेनी चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी को भी कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल कर लिया.

नई दिल्ली: अगर आपको खाने में चीजों का स्वाद नहीं मिल रहा है और आसपास की चीजों की गंध महसूस नहीं कर पा रहे हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. आपको कोराना की जांच जरूर करा लेनी चाहिए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी को भी कोरोना वायरस के लक्षणों में शामिल कर लिया.इस मसले पर काफी समय से चर्चा जारी थी. राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने व्यापक चर्चा के बाद इस बारे में फैसला लिया है. यह पाया गया है कि कोरोना सें संक्रमित लोगों में सूंघने और स्वाद महसूस करने की क्षमता में कमी आई है, इसलिए इसे अब संक्रमण के लक्षण में शामिल कर लिया गया है.

Answered by Anonymous
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Explanation:

कोरोना वायरस का मुख्य लक्षण तेज बुखार है. बच्चों और वयस्कों में अगर 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर 88 फीसदी को बुखार, 68 फीसदी को खांसी और कफ, 38 फीसदी को थकान, 18 फीसदी को सांस लेने में तकलीफ, 14 फीसदी को शरीर और सिर में दर्द, 11 फीसदी को ठंड लगना और 4 फीसदी में डायरिया के लक्षण दिखते हैं. रनिंग नोज यानी नाक बहना कोरोना वायरस का लक्षण नहीं माना जा रहा है. हां, एक बात ध्यान देने वाली है कि कई मामले ऐसे मिले हैं, जिनमें कोरोना के कोई लक्षण नजर नहीं आए हैं. इसलिए आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

आइए जानते हैं कि इस वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं.

क्या है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण?

इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं. संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है. कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है. खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है.

क्या हैं इससे बचाव के उपाय?

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक, हाथों को साबुन से धोना चाहिए. अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है. खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढककर रखें. जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें. अंडे और मांस के सेवन से बचें. जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.

कोरोना की पहचान के लिए इन लक्षणों पर गौर करें

तेज बुखार आनाः अगर किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए. यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारेनहाइट है तो उसे बुखार नहीं मानेंगे. अगर तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.

कफ और सूखी खांसीः पाया गया है कि कोरोना वायरस कफ होता है मगर संक्रमित व्यक्ति को सुखी खांसी आती है.

सांस लेने में समस्याः कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है. सांस लेने की समस्या दरअसल फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है.

फ्लू-कोल़्ड जैसे लक्षणः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कभी-कभी बुखार, खांसी, सांस में दिक्कत के अलावा फ्लू और कोल्ड जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.

डायरिया और उल्टीः कोरोना से संक्रमित लोगों में डायरिया और उल्टी के भी लक्षण देखे गए है. करीब 30 प्रतिशत लोगों में इस तरह के लक्षण पाये गए हैं.

सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमीः बहुत से मामलों में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित लोगों को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी आती है.

कोरोना वायरस से मृत्युदर

9 साल तक के बच्चों में- 0 प्रतिशत

10-39 वर्ष तक के लोगों में 0.2 प्रतिशत

40-49 वर्ष तक के लोगों में 0.4 प्रतिशत

50-59 वर्ष तक के लोगों में 1.3 प्रतिशत

60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 प्रतिशत

60-69 वर्ष तक के लोगों में 3.6 प्रतिशत

70-79 वर्ष तक के लोगों में 8 प्रतिशत

80 से ज्यादा वर्ष के लोगों में 14.8 प्रतिशत

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